दिग्गज कारोबारी अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) की वेदांता रिसोर्सेज (Vedanta Resources) ने अपने कर्ज का बोझ हल्का किया है। वेदांता रिसोर्सेज ने अप्रैल में मेच्योर होने वाले लोन और बॉन्ड का चुकता कर दिया है। इसके बाद अब इसका ग्रॉस डेट 100 करोड़ डॉलर घटकर अब 680 करोड़ डॉलर रह गया है। कंपनी ने इसकी जानकारी SGX (सिंगापुर एक्सचेंज) फाइलिंग में दी है। अब आगे की बात करें तो कंपनी का मानना है कि कमोडिटी की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ इसके मजबूत प्रदर्शन से कर्ज का बोझ हल्का करने में मदद मिलेगी।
कंपनी ने 31 मई को कहा था कि वेदांता वित्त वर्ष 2024 में आगे भी कर्ज में कटौती का लक्ष्य लेकर चल रही है और इसका लक्ष्य ग्रॉस डेट को आखिरकार शून्य तक ले जाने का है। कंपनी के मुताबिक यह लक्ष्य मजबूत मांग की उम्मीद और इसके विश्वस्तरीय एसेट बेस के मजबूत ऑपरेशनल परफॉरमेंस के दम पर हासिल होगा।
फंडिंग को लेकर रेटिंग एजेंसी का ये है मानना
कुछ समय पहले न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि फिच ग्रुप की फर्म क्रेडिटसाइट (CreditSight) वेदांता रिसोर्सेज पर कर्ज को लेकर पॉजिटिव है। क्रेडिटसाइट्स ने पिछले हफ्ते कहा था कि वेदांता की नियर टर्म की मेच्योरिटी का इसके 85 करोड़ डॉलर के लोन रीफाइनेंसिंग पर रिस्क कम है। क्रेडिटसाइट के मुताबिक वेदांता रिसोर्सेज 210 करोड़ डॉलर का फंड जुटा सकता है क्योंकि इसका अब तक का ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर रहा है। इसके अलावा हाल ही में कंपनी कर्ज घटाया है, नया फंड जुटाया है तो इससे कंपनी को आगे भी सपोर्ट मिलेगा। ऐसे में क्रेडिटसाइट्स का मानना है कि बैंक की सख्त फंडिंग शर्तों के बावजूद वेदांता रिसोर्सेज के पास फंड जुटाने के लिए कई और विकल्प खुले रहेंगे।