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Yes Bank में हिस्सा बेचने से SBI को मिला 14% रिटर्न, बाकी शेयर बेचने की कोई बाध्यता नहीं: चेयरमैन सीएस शेट्टी

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने को बताया कि SBI को यस बैंक में किए गए निवेश से सालाना करीब 14% (प्री-टैक्स) का अच्छा रिटर्न मिला है। यह निवेश SBI के लिए वित्तीय और रणनीतिक दोनों ही रूप से सफल रहा। साथ ही इसने यस बैंक (Yes Bank) के रिवाइवल में भी अहम भूमिका निभाई

Edited By: Vikrant singhअपडेटेड Nov 06, 2025 पर 12:50 PM
Yes Bank में हिस्सा बेचने से SBI को मिला 14% रिटर्न, बाकी शेयर बेचने की कोई बाध्यता नहीं: चेयरमैन सीएस शेट्टी
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के पास यस बैंक में अभी भी लगभग 10% रखता है

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने को बताया कि SBI को यस बैंक में किए गए निवेश से सालाना करीब 14% (प्री-टैक्स) का अच्छा रिटर्न मिला है। यह निवेश SBI के लिए वित्तीय और रणनीतिक दोनों ही रूप से सफल रहा। साथ ही इसने यस बैंक (Yes Bank) के रिवाइवल में भी अहम भूमिका निभाई।

शेट्टी ने कहा कि यह नतीजा केवल कमाई के नजरिए से ही नहीं, बल्कि इसलिए भी संतोषजनक है क्योंकि इससे एक बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंक की स्थिरता बनी रही। उन्होंने मनीकंट्रोल से कहा, “यह एक अच्छा रिटर्न है, लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह था कि हमने एक जरूरी बैंक को मुश्किल हालात से निकालकर फिर से पटरी पर लाने में मदद की।”

शेट्टी ने बताया कि SBI का मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना नहीं, बल्कि उस समय देश की वित्तीय स्थिरता को समर्थन देना था, जब Yes Bank गंभीर संकट में था। शेट्टी ने आगे कहा कि SBI का यस बैंक के रिस्ट्रक्चरिंग में शामिल होने का मुख्य उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि देश की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना था।

शेट्टी यस बैंक के रिस्ट्रक्चरिंग के दौरान उसके बोर्ड का भी हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि उन्हें इस पूरी प्रक्रिया, बैंक के बचाव से लेकर उसके सफल रिवाइवल तक, का हिस्सा बनने पर गर्व है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य यह नहीं था कि तीन या पांच साल की समयसीमा में प्रक्रिया पूरी की जाए, बल्कि यह था कि बैंक को एक मजबूत रणनीतिक भागीदार मिले जो इसे आगे संभाल सके।"

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