ऑनलाइन फार्मेसी कंपनी फार्मईजी (PharmEasy) की मालिक और थायरोकेयर (Thyrocare) की प्रमोटर, एपीआई होल्डिंग्स (API Holdings) इस समय कर्ज चुकाने के इरादे से पर्याप्त धन जुटाने के लिए बातचीत कर रही है। मनीकंट्रोल को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, API होल्डिंग्स ने कर्ज के बदले में थायरोकेयर के शेयरों को गिरवी रखा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, मणिपाल ग्रुप (Manipal Group) ने API होल्डिंग्स में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करने में रुचि दिखाई है। इस निवेश के बदले मणिपाल ग्रुप को API होल्डिंग्स में 18 प्रतिशत हिस्सेदारी और उसके बोर्ड में एक सीट मिल सकता है। इसके अलावा API होल्डिंग्स के मौजूदा निवेशकों भी इस फंडिंग राउंड में करीब 1,500 करोड़ रुपये का योगदान दे सकते हैं।
इस फंडिंग राउंड के लिए API होल्डिंग्स का वैल्यूएशन करीब 6,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। बता दें कि API होल्डिंग्स पर 2,500 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने का दबाव है। इससे पहले, कंपनी ने इस कर्ज के लिए अपनी सहायक कंपनी थायरोकेयर के शेयर गोल्डमैन सैक्स को गिरवी रखे थे।
API होल्डिंग्स के लिए यह फंडिंग राउंड काफी अहम है क्योंकि कंपनी इसके जरिए अपने कर्ज देनदारियों को पूरा करना और अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करना चाहती है। एक सूत्र ने बताया, "API होल्डिंग्स को कर्ज चुकाने की जरूरत है क्योंकि यह पहले ही अपने कर्ज समझौतों को उल्लंघन कर चुकी है और लेनदार ऐसी स्थिति में गिरवी रखे गए शेयरों को भुना सकते हैं।"
थायरोकेयर की प्रमोटर इकाई, डोकॉन टेक्नोलॉजीज ( Docon Technologies) के पास थायरोकेयर में 71 प्रतिशत हिस्सेदारी है और उसने लेनदारों को अपने 100 प्रतिशत शेयर गिरवी रखे हैं।
एपीआई होल्डिंग्स ने डील के सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया, मणिपाल ग्रुप ने कहा "कोई टिप्पणी नहीं" और गोल्डमैन सैक्स के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि इस मणिपाल ग्रुप से सौदे को अंजाम देने में प्राइवेट इक्विटी फर्म टेमासेक (Temasek) और टीपीजी कैपिटल ( TPG Capital) की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। ये दोनों इक्विटी फर्म, मणिपाल ग्रुप के हेल्थकेयर बिजनेस और API होल्डिंग्स में म्यूचुअल निवेशक है।
इंडस्ट्री पर नजर रखने वालों का कहना है कि यह सौदा PharmEasy की कई मुश्किलों को दूर कर सकता है। लेकिन वैल्यूएशन में 2.8 अरब डॉलर से लगभग 6,000 करोड़ रुपये की भारी गिरावट एक बड़ी गिरावट है और डिजिटल कॉमर्स कंपनियों के लिए आगे आने वाले कठिन समय का संकेत है।