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Cancer: शराब से भी ज्यादा जहरीला है यह पेय पदार्थ, 5 गुना बढ़ सकता है मुंह के कैंसर का खतरा, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

Cancer: दुनिया भर में मुंह का कैंसर तेजी से फैल रहा है। इसकी बड़ी वजह धूम्रपान नहीं बल्कि अत्यधिक मीठे पेय पदार्थों का सेवन है। जो महिलाएं रोजाना कम से कम एक शुगर-स्वीटेंड ड्रिंक (मीठा पेय) पीती हैं। उनमें मुंह के कैंसर का खतरा करीब 5 गुना बढ़ जाता है। वैज्ञानिकों ने इस बारे में चेतावनी भी जारी कर दी है

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 17, 2025 पर 9:54 AM
Cancer: शराब से भी ज्यादा जहरीला है यह पेय पदार्थ, 5 गुना बढ़ सकता है मुंह के कैंसर का खतरा, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
Cancer: साल 2020 में दुनिया भर में 3,55,000 से अधिक नए मामले ओरल कैंसर के सामने आए हैं।

कैंसर (Cancer) एक जानलेवा बीमारी है। हालांकि इसका इलाज संभव है लेकिन फिर भी हर लाखों लोगों की मौत कैंसर के वजह से होती है। अमेरिका के वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए एक हालिया स्टडी में पाया गया कि जो महिलाएं रोजाना एक या उससे अधिक मीठे पेय पदार्थ यानी शुगरी ड्रिंक (जैसे सॉफ्ट ड्रिंक्स) का सेवन करती हैं। उनमें मुंह के कैंसर (ओरल कैंसर) होने का खतरा पांच गुना बढ़ जाता है। वैज्ञानिकों ने इस बारे में चेतावनी भी जारी की है। खासकर महिलाओं में यह खतरा ज्यादा बढ़ रहा है।

यह स्टडी जामा ओटोलैरींगोलॉजी-हेड एंड नेक सर्जरी (JAMA Otolaryngology-Head & Neck Surgery) में पब्लिश हुआ है। स्टडी की खास बात यह है कि युवा लोगों में, खासकर उन लोगों में जो न तो धूम्रपान करते हैं और न शराब पीते हैं, मुंह के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

धूम्रपान नहीं करने वाले हो रहे हैं मुंह के कैंसर के शिकार

पहले ओरल कैंसर मुख्य रूप से बुजुर्ग पुरुषों में देखा जाता था, जो तंबाकू, शराब या सुपारी का सेवन करते थे। लेकिन अब धूम्रपान में गिरावट के तंबाकू से जुड़े कैंसर के मामले कम हो रहे हैं। लेकिन अब यह बीमारी बिना धूम्रपान करने वाली महिलाओं में तेजी से फैल रही है। ये महिलाएं न तो धूम्रपान करती हैं और न ही शराब का सेवन करती हैं। साल 2020 में विश्वभर में 3,55,000 से अधिक नए मामले सामने आए थे। जिनमें से करीब 1,77,000 मौतें हुई थीं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह बीमारी अब युवा और बिना धूम्रपान करने वाली महिलाओं में भी तेजी से बढ़ रही है। अभी तक मुंह के कैंसर (Oral cancer) के बढ़ते मामलों के पीछे एचपीवी संक्रमण (मानव पैपिलोमा वायरस) को जिम्मेदार माना जा रहा था, लेकिन हालिया अध्ययन में एचपीवी को इसकी वजह मानने से इनकार कर दिया गया है।

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