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Diabetes: डायबिटीज की शुरुआती पहचान में मददगार हैं ये टेस्ट, जानें कब और कैसे कराएं

Diabetes: भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या करोड़ों में पहुंच चुकी है और आने वाले समय में इसके और बढ़ने की आशंका है। ऐसे में जरूरी है कि समय-समय पर टेस्ट कराते रहें। लेकिन सवाल ये है कि डायबिटीज का सही समय पर पता लगाने के लिए कौन सा टेस्ट कराना चाहिए ताकि तुरंत पहचान हो सके

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 30, 2025 पर 7:30 AM
Diabetes: डायबिटीज की शुरुआती पहचान में मददगार हैं ये टेस्ट, जानें कब और कैसे कराएं
Diabetes: डायबिटीज की पहचान के लिए भारत में कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं।

देश में डायबिटीज के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। अभी तक 40-45 साल के बाद लोग इस बीमारी की चपेट में आते थे। लेकिन अब उम्र का कोई बंधन नहीं रह गया है। हर उम्र के लोग इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैँ। बिगड़ती लाइफस्टाइल और खानपान सही नहीं होने के चलते आजक युवाओं के शरीर में डायबिटीज अपना घर बना रहा है। भारत जैसे देश में लोग इस बीमारी के लक्षणों को नहीं पहचान पाते हैं। जब तक पता चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है।

ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर समय रहते हुए इस बीमारी की कैसे पहचान की जाए। आज हम आपको बता रहे हैं कि अगर आपको डायबिटीज के लक्षण महसूस हों तो कौन से टेस्ट कराएं। ताकि आप फौरन पहचान सकें कि डायबिटीज से पीड़ित हैं या नहीं। बता दें कि डायबिटीज की बीमारी में पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन कम होने लगता है तो ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने लगता है।

डायबिटीज के लिए कराएं ये टेस्ट

डायबिटीज की पहचान के लिए भारत में कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं। इन टेस्ट्स के जरिए ब्लड शुगर लेवल की जांच करके खून में ग्लूकोज की मात्रा का पता चलता है। इन टेस्ट के आधार पर तय होता है कि किसी व्यक्ति को डायबिटीज है या नहीं और अगर है तो वो किस लेवल पर है। डायबिटीज की पहचान के लिए फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट (FPG) का नाम सबसे पहले आता है। इसमें व्यक्ति को आठ घंटे के उपवास के बाद खून का सैंपल लिया जाता है। ये टेस्ट आमतौर पर सुबह के समय होता है। जब व्यक्ति रात भर भूखा रहने के बाद खाली पेट इसे करवाता है।

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