Low Sperm Count: भारत समेत दुनिया भर के पुरुषों में स्पर्म काउंट के कम होने की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्पर्म काउंट के कम होने की समस्या का सामना, भारत के पुरुष ही नहीं बल्कि दुनिया भर के पुरुष कर रहे हैं। दुनिया भर के पुरुषों में स्पर्म काउंट में तेज गिरावट एक गंभीर समस्या बनती जा रही है और इसका सबसे ज्यादा असर भारतीय पुरुषों पर देखा जा रहा है।
वहीं हाल में आई'ह्यूमन रिप्रोडक्शन अपडेट' जर्नल की रिपोर्ट में एक स्पर्म काउंट की समस्या को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
दुनिया भर में घट रहा है स्पर्म काउंट
'ह्यूमन रिप्रोडक्शन अपडेट' जर्नल की रिपोर्ट में के मुताबिक पिछले 45 वर्षों में पुरुषों का स्पर्म काउंट आधे से भी कम हो चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस गिरावट में और तेजी आ सकती है, जो चिंता का विषय है। स्पर्म काउंट कम होने के कई कारण हो सकते हैं। आधुनिक जीवनशैली और प्रदूषण इसके प्रमुख कारणों में से हैं। खानपान में बदलाव, हवा से एंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल का शरीर में प्रवेश करना, मोटापा, धूम्रपान, और अत्यधिक शराब का सेवन पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होने का मुख्य कारण है। टेस्टोस्टेरोन का असंतुलन भी इस समस्या को बढ़ा सकता है।
ये बीमारी भी बनी बड़ी वजह
कुछ बीमारियां भी इस समस्या का कारण बन सकती हैं। इनमें से एक प्रमुख बीमारी है वैरीकोसेल, जो पुरुषों के टेस्टिकल्स की ब्लड वेसल्स के फूलने के कारण होती है। इसके कारण टेस्टिकल्स में ब्लड फ्लो कम हो जाता है, जिससे स्पर्म काउंट और गुणवत्ता कम हो जाती है। वैरीकोसेल के प्रमुख लक्षणों में टेस्टिकल्स में दर्द, सूजन, स्पर्म काउंट या गुणवत्ता में कमी, और इंफर्टिलिटी शामिल है। स्पर्म काउंट कम होने के अन्य कारणों में जेनेटिक बीमारियां, प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन, गोनोरिया, डायबिटीज, और थायरॉयड समस्याएं शामिल हैं।
स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए करें ये चीजें
स्पर्म काउंट को बनाए रखने के लिए पुरुषों को अपने खानपान का ध्यान रखना चाहिए। नियमित फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए, और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहिए। इसके साथ ही, पेस्टिसाइड फ्री चीजों और ऑर्गेनिक खाने का इस्तेमाल करना चाहिए तथा प्लास्टिक और केमिकल प्रोडक्ट्स से बचना चाहिए।
डिस्क्लेमर – यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारी पर आधारित है। अधिक जानकारी के लिए एक्पर्ट्स से जरूर सलाह लें।