कैंसर आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक बन गया है। बदलती लाइफस्टाइल, असंतुलित खानपान, तनाव और प्रदूषण जैसे कारक इस बीमारी के जोखिम को और बढ़ा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 में करीब 96 लाख लोगों की मौत कैंसर से हुई, यानी दुनिया में हर छह में से एक मौत इसी कारण हुई। आधुनिक इलाज जैसे कीमोथेरेपी, रेडिएशन और इम्यूनोथेरेपी उपलब्ध हैं, लेकिन इनके दुष्प्रभाव भी गहरे होते हैं — थकान, बाल झड़ना, संक्रमण का खतरा और याददाश्त की कमजोरी जैसी परेशानियां अक्सर मरीजों को झेलनी पड़ती हैं। ऐसे में लोग न केवल इलाज बल्कि बेहतर जीवनशैली और प्राकृतिक विकल्पों की ओर भी रुख कर रहे हैं।
