आज की भागदौड़ भरी और तनावपूर्ण जीवनशैली में ब्लड प्रेशर की समस्या आम होती जा रही है। जहां एक ओर हाई ब्लड प्रेशर को लेकर लोग सतर्क रहते हैं, वहीं दूसरी ओर लो ब्लड प्रेशर यानी हाइपोटेंशन को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। ज्यादातर लोगों की धारणा होती है कि लो बीपी उतना खतरनाक नहीं होता, लेकिन सच्चाई ये है कि बार-बार या लंबे समय तक बीपी का कम रहना शरीर के लिए कई समस्याओं की वजह बन सकता है। लो बीपी की स्थिति में दिमाग और दिल तक पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं पहुंचता, जिससे चक्कर आना, थकान, धुंधली दृष्टि जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
अगर समय रहते इन लक्षणों पर ध्यान न दिया जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि लोग इसके संकेतों को समझें और तुरंत उचित कदम उठाएं। साथ ही कुछ आसान घरेलू उपाय अपनाकर इससे राहत भी पाई जा सकती है।
अगर आप सुबह उठते ही चक्कर खाने लगते हैं या सिर हल्का महसूस होता है, तो ये लो बीपी का शुरुआती संकेत हो सकता है। ऐसे लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क करें और ब्लड प्रेशर की जांच कराएं।
मतली और उल्टी जैसा महसूस होना
अगर नींद से जागने के तुरंत बाद उल्टी जैसा महसूस होता है या मतली आती है, तो इसे हल्के में न लें। ये भी लो ब्लड प्रेशर का लक्षण हो सकता है। तुरंत जांच कराएं और सही इलाज शुरू करें।
सुबह उठने के बाद भी अगर शरीर भारी-भारी लगे या बिना कोई काम किए थकान महसूस हो, तो ये भी लो बीपी का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से परामर्श जरूरी है।
अगर आपको सुबह आंखें खोलते ही धुंधलापन दिखने लगे या नजर कमजोर महसूस हो, तो ये भी हाइपोटेंशन का संकेत हो सकता है। समय पर इलाज ना मिलने पर ये लक्षण गंभीर रूप ले सकते हैं।
स्किन का ठंडा और चिपचिपा होना
अगर सुबह उठते ही आपकी त्वचा ठंडी और चिपचिपी लगे, तो ये भी ब्लड प्रेशर के कम होने का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में शरीर में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।
लो बीपी होने पर नमक-पानी का सेवन तुरंत राहत पहुंचा सकता है। नमक शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ाता है जिससे बीपी सामान्य हो सकता है।
कॉफी में मौजूद कैफीन रक्तचाप को थोड़े समय के लिए बढ़ाने में मदद करता है। बीपी कम महसूस हो तो एक कप कॉफी लेना फायदेमंद हो सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।