फैटी लिवर बीमारी अक्सर चुपचाप विकसित होती है, जिससे शुरुआती चरणों में लोगों को इसके लक्षण दिखाई नहीं देते। लेकिन समय रहते इसकी पहचान करना और सावधानी बरतना बेहद जरूरी है क्योंकि यह समस्या बढ़कर लिवर फेल्योर जैसी गंभीर स्थिति में भी तब्दील हो सकती है। फैटी लिवर तब होती है जब लिवर की कोशिकाओं में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है, जो लिवर की सामान्य कार्यक्षमता को प्रभावित करती है।