Anti-CAA Protests: केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू किए जाने के बाद दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया, जिसके कारण कैंपस में भारी पुलिस तैनात किया गया। मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (MSF) की अगुवाई में छात्रों के एक ग्रुप ने मोदी सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) ने भी CAA लागू किए जाने का विरोध किया।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जामिया मिल्लिया के बाहर भीड़ को जमा होने से रोकने के लिए यूनिवर्सिटी कैंपस के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस बीच, असम और पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा जैसे राज्यों में आज प्रदर्शन होने की आशंका है। इसके मद्देनजर इन राज्यों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरपूर्वी जिले में 43 हॉटस्पॉट की पहचान की है। केंद्र की अधिसूचना के बाद 11 मार्च को सीलमपुर, जाफराबाद, मुस्तफाबाद, भजनपुरा, खजूरी खास और सीमापुरी जैसे इलाकों में पुलिस ने गश्त की। जबकि दिल्ली के दक्षिणपूर्वी हिस्से में अर्धसैनिक बलों ने फ्लैग मार्च किया। वहीं स्थानीय पुलिस ने मोटरसाइकिलों पर इन इलाके में गश्त की।
पूर्वोत्तर राज्यों में प्रदर्शन का आशंका
रमज़ान और सीएए दोनों के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा बढ़ा दी है, जिसमें जामा मस्जिद क्षेत्र में फ्लैग मार्च भी शामिल है। डीसीपी सेंट्रल दिल्ली एम हर्ष वर्धन ने कहा कि सीएए का किसी भी भारतीय नागरिक से कोई संबंध नहीं है और अफवाहें फैलाने या जनता को गुमराह करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों, मेघालय और त्रिपुरा में प्रदर्शन निर्धारित हैं।
CAA के विरोध में उतरा विपक्ष
विपक्ष ने पहले ही अपनी नाराजगी का संकेत दे दिया है, क्योंकि पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों ने CAA कानून के कार्यान्वयन का विरोध करने की घोषणा की है। उनका आरोप है कि बीजेपी ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए रणनीतिक रूप से लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नियम जारी किए. कांग्रेस, वामपंथी, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और एआईएमआईएम सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने केंद्र के प्रति अपनी अस्वीकृति व्यक्त की है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 11 दिसंबर, 2019 को संसद में पारित हुआ था। इसके बाद दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे। दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया और शाहीन बाग इलाकों में 2019-20 में कई महीने तक सीएए विरोधी प्रदर्शन हुए थे। उत्तर पूर्व दिल्ली में 2020 की शुरुआत में इस कानून को लेकर सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं भी देखी गईं जिनमें 53 लोगों की मौत हो गई और 500 से ज्यादा घायल हो गए।
केंद्र सरकार ने सोमवार को सीएए के नियमों की अधिसूचना जारी कर दी। इसके मद्देनजर पुलिस ने उत्तर पूर्व जिले में 43 संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की है। इनमें सीलमपुर, जाफराबाद, मुस्तफाबाद, भजनपुरा, खजूरी खास और सीमापुरी शामिल हैं।