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इंडिया की इकोनॉमी 10 साल में 9.5 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी: अरविंद पनगढ़िया

अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि 2003-04 से लेकर बीते 21 साल में डॉलर में इंडिया की ग्रोथ करेंट प्राइसेज पर 10.1 फीसदी रही है। अगर हम इस ग्रोथ रेट को अगले 10 सालों तक जारी रखते हैं तो इंडिया 9.5 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी होगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 01, 2025 पर 4:44 PM
इंडिया की इकोनॉमी 10 साल में 9.5 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी: अरविंद पनगढ़िया
पनगढ़िया ने कहा कि इंडिया की आबादी की ग्रोथ 20247 तक सालाना 0.6 फीसदी जारी रहने की उम्मीद है। इससे इकोनॉमिक ऐक्सपैंशन के लिए अनुकूल वातावरण मिलेगा।

16वें फाइनेंस कमीशन के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने लंबी अवधि में इंडिया की अच्छी ग्रोथ की उम्मीद जताई है। 1 मार्च को उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित देश बनने का भारत का लक्ष्य पूरा होने वाला है। उन्होंने कहा कि एक तरफ अतिरिक्त रिफॉर्म्स जरूरी है तो दूसरी तरफ इंडिया करेंट प्राइसेज पर डॉलर में जरूरी इकोनॉमिक ग्रोथ को बनाए रखने की स्थिति में है। 2003-04 से लेकर बीते 21 साल में डॉलर में इंडिया की ग्रोथ करेंट प्राइसेज पर 10.1 फीसदी रही है।

अर्थव्यवस्था से जुड़े मामलों में जरूरी है स्टैबिलिटी

पनगढ़िया ने कहा कि अगर हम इस ग्रोथ रेट को अगले 10 सालों तक जारी रखते हैं तो इंडिया 9.5 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी होगा। उन्होंने अर्थव्यवस्था से जुड़े मामलों में स्टैबिलिटी और डेमोक्रेटिक गवर्नेंस जारी रखने पर भी जोर दिया। उन्होंने इन्हें ग्रोथ के लिए जरूरी शर्तें बताया। उन्होंने कहा कि अगर इंडिया 2047 तक प्रति व्यक्ति 14,000 डॉलर की आय तक पहुंचना चाहता है तो करेंट प्राइसेज पर डॉलर में 10.1 फीसदी की सालाना ग्रोथ रेट को बनाए रखना होगा।

2023-24 में प्रति व्यक्ति आय 2,570 डॉलर 

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