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Exclusive: अशनीर ग्रोवर मामले की कॉर्पोरेट एंगल से जांच कर सकता है आरबीआई

आरबीआई ने पिछले साल 18 जून को सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज को भारतपे के साथ मिलकर एक स्मॉल फाइनेंस बैंक बनाने का एप्रूवल दिया था।

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 04, 2022 पर 2:07 PM
Exclusive: अशनीर ग्रोवर मामले की कॉर्पोरेट एंगल से जांच कर सकता है आरबीआई
अगर आरबीआई को भारतपे में कॉर्पोरेट गवर्नेंस के उल्लंघन का सबूत मिलता है तो वह यूनिटी एसएफबी में पीएमसी बैंक के विलय के प्रोसेस पर रोक लगा सकता है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भारतपे (BharatPe) से जुड़े हालिया मामलों पर नजर रख रहा है। वह यह जानना चाहता है कि क्या इसमें कॉर्पोरेट गवर्नेंस नियमों का उल्लंघन हुआ है और क्या बैंकों के प्रमोटर्स के लिए तय मानकों पर इसका कोई असर पड़ेगा। दरअसल, यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक (Unity SFB) के प्रमोटर्स में भारतपे शामिल है। मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने यह जानकारी दी है।

भारतपे के लिए मुश्किल तब शुरू हुई थी, जब अशनीर ग्रोवर से जुड़ा एक ऑडियो क्लिप सामने आया था। अशनीर ग्रोवर भारतपे के को-फाउंडर हैं। इस ऑडियो में ग्रोवर कोटक महिंद्रा के एक इंप्लॉयी को गालियां दे रहे हैं। वह कोटक से इसलिए नाराज हैं, क्योंकि उसने नायका कंपनी के आईपीओ में उनके (ग्रोवर) इन्वेस्टमेंट को फाइनेंस करने से कर दिया था।

39 साल के ग्रोवर ने इस ऑडियो क्लिप को फेक बताया है। लेकिन, कोटक महिंद्रा बैंक के बॉस उदय कोटक से ग्रोवर के मुआवजे की डिमांड के बाद से यह मामला विवादित हो गया है। कोटक महिंद्रा बैंक ने ग्रोवर पर अपने इंप्लॉयी को गाली देने और धमकाने का आरोप लगाया है। इस मसले के तूल पकड़ने के बाद ग्रोवर को तीन महीने की छुट्टी पर भेज दिया गया। इसके बाद उनकी पत्नी को भी कंपनी से बाहर कर दिया गया।

रिस्क एडवायजरी फर्म अल्वारेज एंड मार्शल (एएंडएम) ने भारतपे के बोर्ड को एक रिपोर्ट सौंपी है। इसमें भारतपे में ऑपरेशनल मसलों और वित्तीय घोटाले की जानकारी दी गई है। इसमें दो तरह के घाटालों के बारे में संकेत दिया गया है। पहला रिक्रूटमेंट से जुड़ा है। दूसरा, ऐसे वेडर्स को पेमेंट से जुड़ा है, जिनका वजूद ही नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह समझ में नहीं आता कि कंपनी क्यों ऐसे वेंडर्स से खरीदारी कर रही थी, जो वास्तव में थे ही नहीं। साथ ही क्यों कंपनी चीजों की डिलीवरी का प्रूफ देने में नाकाम रही। एएंडएम ने मामले की व्यापक जांच की जरूरत बताई है। मनीकंट्रोल ने इस रिपोर्ट को देखी है।

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