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भारत के सामने महंगाई एक बड़ी चुनौती लेकिन मीडियम टर्म फंडामेंटल मजबूत: चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर

चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि वर्तमान समय में हम एक ऐसी स्थिति में है जहां हमको तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 08, 2022 पर 1:27 PM
भारत के सामने महंगाई एक बड़ी चुनौती लेकिन मीडियम टर्म फंडामेंटल मजबूत: चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर
भारत की इकोनॉमी इन चुनौतियों से निपटने के लिए दुनिया की दूसरी इकोनॉमीज की तुलना में ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार है।

भारत को ग्रोथ, महंगाई और फिस्कल मोर्चे पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन देश के मीडियम टर्म फंडामेंटल मजबूत बने हुए हैं। ये बातें चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वी अनंत नागेश्वरन (V Anantha Nageswaran) ने 8 जून को कहीं। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान समय में हम एक ऐसी स्थिति में है जहां हमको तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ये चुनौतियां ग्लोबल मैक्रो मॉनिटरी पॉलिसी और ग्लोबल राजनीतिक स्थितियों से जुड़ी हुई हैं।

आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी करने के बाद आए अपने पहले कमेंट में नागरेश्वन ने यह बातें कहीं। उन्होंने आगे कहा कि इस साल हमको ग्रोथ रेट को बनाए रखने , महंगाई को नियत्रंण में रखने और वित्तीय घाटे को संतुलित रखने जैसी चुनौतियों से कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। इसके अलावा हमको रुपये की वैल्यू को स्टेबल बनाए रखने के लिए भी लड़ाई लड़नी पड़ रही है।

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि इन चुनौतियों से निपटने के लिए कोई पूर्व निर्धारित योजना नहीं है लेकिन हम आश्वस्त करते हैं कि वित्त मंत्रालय इन चुनौतियों से निपटने के लिए अच्छी तरीके से तैयार है। भारत की इकोनॉमी इन चुनौतियों से निपटने के लिए दुनिया की दूसरी इकोनॉमीज की तुलना में ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार है।

बतातें चलें कि आरबीआई ने आज रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी करके इसको 4.9 फीसदी कर दिया है। आरबीआई ने वर्तमान वित्त वर्ष के लिए 7.2 फीसदी के अपना ग्रोथ अनुमान बनाया रखा है लेकिन वित्त वर्ष 2023 के लिए महंगाई के अनुमान को बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया है।

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