फिल्म अभिनेता बलराज साहनी ने मुंबई के नानावती अस्पताल में आखिरी सांसें ले रहे थे। उन्होंने अपने बेटे अजय साहनी को बुलाकर कहा कि मेरी मौत के बाद मेरी शय्या पर लाल पताका और लेनिन की किताबें रख देना। अंतिम घड़ी में उनसे मिलने आए लोगों से उन्होंने कहा था कि मेरे देशवासियों से मेरा स्नेह संदेश कह देना। मैंने एक सुखी जीवन जिया है। मुझे कोई पाश्चाताप नहीं है। मेरी मौत के बाद धार्मिक अनुष्ठानों का निर्वाह नहीं किया जाए। उनकी आखिरी इच्छा पूरी की गई थी।