अब दुकानदार किसी भी चावल को बासमती के नाम पर नहीं बेच सकेंगे। इसके अलावा बासमती चावल में दूसरे सस्ते चावलों की मिलावट पर भी रोक लगेगी। बासमती चावल (Basmati Rice) के लिए पहली बार देश में मानक तय हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने ब्राउन बासमती राइस, मिल्ड बासमती राइस, पैरब्वॉइल्ड ब्राउन बासमती राइस और मिल्ड पैरब्वॉइल्ड बासमती राइस के लिए ये मानक तय किए हैं। ये नियम 1 अगस्त 20223 से प्रभावी हो जाएंगे। FSSAI के तय मानकों के हिसाब से बासमती चावल ही महक प्राकृतिक महक होनी चाहिए और इसमें अलग से रंग नहीं ऐड नहीं होना चाहिए। नियमों के मुताबिक बासमती चावल में पॉलिशिंग एजेंट्स और ऑर्टिफिशियल फ्रेगरेंस नहीं होना चाहिए।