Jan PMI Data : भारत जनवरी सर्विसेज PMI 59.3 से घटकर 56.5 पर आ गई है। जनवरी सर्विसेज PMI 26 महीने के निचले स्तर पर रही है। इस तरह भारत की जनवरी कंपोजिट PMI भी 59.2 से घटकर 57.7 के स्तर पर आ गई है। जनवरी कंपोजिट PMI 14 महीने के निचले स्तर पर रही है। गौरतब है कि मैन्युफैक्चरिंग PMI और सर्विसेज PMI के मिलेजुले आंकड़े को कंपोजिट PMI कहते है।
सर्विसेज सेक्टर का प्रदर्शन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के विपरीत रहा है। जनवरी के मैन्युफैक्चरिंग PMI ने पिछले महीने के 56.4 की तुलना में 6 महीने का उच्चतम 57.7 का स्तर दर्ज किया है। जनवरी में खपत के मोर्चे पर भी बेहतर प्रदर्शन देखने को मिला। जनवरी में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन बढ़कर नौ महीने के उच्चतम स्तर 1.92 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया,जो छह महीनों में पहली बार दोहरे अंकों की बढ़त दिखाता है।
बता दें कि 1 फरवरी को पेश किये गये वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट (Budget) में सरकार ने आयकर दरों को तर्कसंगत बनाकर ग्रोथ को गति देने की कोशिश की है। पहली छमाही के निराशाजनक रहने के बाद इस तिमाही में अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। गौरतलब है कि पहली छमाही में वित्त वर्ष 24 में 8.2 प्रतिशत की तुलना में ग्रोथ दर 6 प्रतिशत तक गिर गई थी।
वित्त वर्ष 2025 में ग्रोथ दर कम होकर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बजट की पूर्व संध्या पर जारी आर्थिक सर्वे (Economic Survey) में 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष के लिए ग्रोथ दर 6.3-6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। सर्वे में कहा गया है कि 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था (developed economy) बनने का लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत को अन्य बदलावों के साथ-साथ 8 प्रतिशत की दर से बढ़ने की जरूरत है।
पिछले महीने की तुलना में कमजोर रहने के बावजूद जनवरी के आंकड़े लंबी अवधि के औसत से ऊपर रहा रहे हैं। बता दें की 50 के ऊपर का आंकड़ा गति विधियों में विस्तार का सूचक होता है। वहीं, 50 से नीचे का आंकड़ा गति विधियों में संकुचन का सूचक होता है। पिछले सितंबर के बाद से कुल बिक्री में सबसे धीमी गति से बढ़त हुई हालांकि बढ़त जारी रही है। लगातार तीसरे महीने,सर्विसेज कंपनियों ने मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की तुलना में अधिक लागत दबाव महसूस किया है। प्राइवेट सेक्टर में,इनपुट लागत में ताजी बढ़त अक्टूबर 2024 के बाद से सबसे कम रही है। यह अपने दीर्घकालिक औसत से नीचे रही है।