Get App

मन की बात में बोले पीएम मोदी, युवाओं को ड्रग्स से रखना है दूर, 10 लाख किलो Drugs को किया नष्ट

मन की बात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 30 जुलाई को मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। मन की बात का यह 103वां एपिसोड होगा। IIM के एक सर्वे में सामने आया कि मन की बात 100 करोड़ श्रोताओं तक पहुंच गया है और कम से कम एक बार इस कार्यक्रम को उन्होंने जरूर सुना है। मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि वृक्षारोपण और जलसंरक्षण बेहद जरूरी है

Edited By: Jitendra Singhअपडेटेड Jul 30, 2023 पर 12:00 PM
मन की बात में बोले पीएम मोदी, युवाओं को ड्रग्स से रखना है दूर, 10 लाख किलो Drugs को किया नष्ट
PM का मन की बात 3 अक्टूबर 2014 को शुरू हुआ था और हर महीने के अंतिम रविवार को सुबह 11 बजे ब्रॉडकॉस्ट/ टेलिकॉस्ट किया जाता है।

मन की बात: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 30 जुलाई को एक बार फिर 'मन की बात' (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। मन की बात का यह 103वां एपिसोड है। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए कई मुद्दों पर चर्चा की। इसके पहले  18 जून को मन की बात का 102 एपिसोड को टेलीकास्ट किया गया था। जिसमें योग दिवस समेत कई मुद्दों का जिक्र किया था। इससे पहले अप्रैल में 100वां एपिसोड टेलीकास्ट किया गया था। मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि जुलाई का महीना मानसून का महीना है। बीते कुछ दिन, प्राकृतिक आपदाओं के कारण, चिंता और परेशानी से भरे रहे हैं । लेकिन इन आपदाओं के बीच, हम सब देशवासियों ने फिर दिखाया है कि सामूहिक प्रयास की ताकत क्या होती है।

बता दें कि IIM के सर्वे के मुताबिक, मन की बात 100 करोड़ श्रोताओं तक पहुंच गई है। पीएम नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात से लगभग 96 फीसदी बादी बली भांति जानती है। यह कार्यक्रम उन 100 करोड़ लोगों तक पहुंच चुका है जो जागरूक हैं। कम से कम एक बार इस कार्यक्रम को जरूर सुन चुके हैं।

पीएम मोदी ने मन की बात में किया यमुना नदी का जिक्र 

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जुलाई का महीना यानी मानसून का महीना शुरू हो गया है। पिछले कुछ दिन प्राकृतिक आपदाओं के कारण चिंता और परेशानी से भरे रहे। यमुना समेत कई नदियों में बाढ़ आ गई। जिससे लोगों को कई तरह की कठिनाइयों का सामनमा करना पड़ा। लेकिन इन आपदाओं के बीच, हम सब देशवासियों ने फिर दिखाया है कि सामूहिक प्रयास की ताकत क्या होती है। हमारे NDRF के जवानों ने स्थानीय प्रशासन के लोगों ने, दिन-रात लगाकर ऐसी आपदाओं का मुकाबला किया है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें