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New Criminal Laws: देश में नए आपराधिक कानून लागू! महिलाओं के खिलाफ 'क्रूरता' से लेकर मॉब लिंचिंग तक, आज से होंगे ये 20 बड़े बदलाव

New Criminal Laws: तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 1 जुलाई से पूरे देश में लागू हो गए हैं। ये कानून क्रमशः औपनिवेशिक काल की भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे

Akhileshअपडेटेड Jul 01, 2024 पर 10:37 AM
New Criminal Laws: देश में नए आपराधिक कानून लागू! महिलाओं के खिलाफ 'क्रूरता' से लेकर मॉब लिंचिंग तक, आज से होंगे ये 20 बड़े बदलाव
New Criminal Laws: भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम समाप्त हो चुका है

New Criminal Laws from Today: देश में आज यानी सोमवार (1 जुलाई) को को तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं, जिससे भारत की आपराधिक न्याय सिस्टम में दूरगामी बदलाव आएंगे। भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 2023 सोमवार (1 जुलाई) से पूरे देश में लागू हो गए हैं। इन तीनों कानून ने ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमश: भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (IEA) 1872 की जगह ली है।

सोमवार से सभी नई FIR भारतीय न्याय संहिता यानी BNS के तहत दर्ज की जाएंगी। हालांकि, जो मामले यह कानून लागू होने से पहले दर्ज किए गए हैं उनके अंतिम निपटारे तक उन मामलों में पुराने कानूनों के तहत मुकदमा चलता रहेगा। नए आपराधिक कानूनों के तहत सोमवार को दिल्ली के कमला मार्केट पुलिस स्टेशन में एक रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ पहली FIR (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज की गई।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नए कानून न्याय मुहैया कराने को प्राथमिकता देंगे जबकि अंग्रेजों (देश पर ब्रिटिश शासन) के समय के कानूनों में दंडनीय कार्रवाई को प्राथमिकता दी गयी थी। उन्होंने कहा, "इन कानूनों को भारतीयों ने, भारतीयों के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाया गया है तथा यह औपनिवेशिक काल के न्यायिक कानूनों का खात्मा करते हैं।"

क्या होंगे बड़े बदलाव?

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