प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आगामी 28 मई को नए संसद भवन (New Parliament Building) का उद्घाटन करेंगे। लोकसभा सचिवालय ने गुरुवार 18 मई को जारी एक बयान में यह जानकारी दी। बयान के मुताबिक, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें नए संसद भवन का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि नए संसद भवन का निर्माण अब पूरा हो गया है और नया भवन आत्मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक है। इससे पहले मार्च में पीएम मोदी ने नए भवन का दौरा कर वहां चल रहे काम का जायजा लिया था और वर्करों से बातचीत की थी।
1280 सासंदों के बैठने की क्षमता
पुराने संसद भवन की तरह ही इस नई इमारत में भी लोकसभा और राज्यसभा के लिए दो अलग-अलग चेंबर होंगे और इसमें लोगों के बैठने की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। नई लोकसभा में अब 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है। जबकि राज्यसभा चेंबर की भी क्षमता बढ़ाई गई है, जहां अब 384 सदस्य बैठ सकते हैं।
यहां एक और बड़ा बदलाव किया गया है, वो ये कि जैसे पहले संयुक्त सत्र सिर्फ सेंट्रल हॉल में बुलाया जाता था, अब ये लोकसभा में बुलाया जाएगा। इसे देखते हुए ही लोकसभा चेबंर की सीटिंग कैपेसिटी बढ़ाई गई है। जरूरत पढ़ने पर इसमें एक साथ 1280 लोग बैठ पाएंग।
इससे पहले न्यूज एजेंसी पीटीआई ने 16 मई को एक रिपोर्ट में बताया था कि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस संसद की नई भव्य इमारत में साज सज्जा का काम अंतिम चरण में है और इस महीने के अंत तक इसके तैयार हो जाने की संभावना है। रिपोर्ट में बताया गया कि नए संसद भवन की साफ -सफाई शुरू हो गई है।
संसद की नई इमारत का निर्माण दो साल पहले शुरू हुआ था। नया संसद भवन, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की सड़क का नवीनीकरण, एक केंद्रीय सचिवालय का निर्माण, प्रधानमंत्री का एक नया ऑफिस और आवास, और एक नया उपराष्ट्रपति एन्क्लेव का निर्माण शामिल है। इस प्रोजेक्ट सीपीडब्लूडी विभाग पूरा कर रहा है।
दिसंबर 2020 रखी गई थी आधारशिला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसंबर 2020 में नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। नए संसद भवन में कई आधुनिक सुविधाएं होंगी। इसका निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कर रही है। नए संसद भवन में देश की लोकतांत्रिक विरासत दिखाने वाला एक लोकतांत्रिक विरासत, कैफेटेरिया और पर्याप्त पार्किंग स्थान होगा। प्रोजेक्ट को पूरा करने की मूल समय सीमा पिछले साल नवंबर थी।
नए संसद भवन की क्या जरूरत?
लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, नई जरूरतों को देखते हुए पुरानी बिल्डिंग में जगह कम होने के चलते सांसदों को न सिर्फ बैठने में दिक्कत हो रही थी, बल्कि पुरानी इमारत में आधुनिक सुविधाओं और तकनीक की भी कमी है। इसे देखते हुए एक नया संसद भवन बनाने का फैसला लिया गया था। बता दें कि संसद की पुरानी बिल्डिंग 1927 में बनी थी और करीब 100 साल पुरानी हो चुकी है।