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Bihar land survey: जमीनों को रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने की कवायद, 10,000 अधिकारी 45,000 गांवों को करेंगे कवर

Bihar Land Survey: दस्तावेज मामूली फीस पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होंगे। इस सर्वे के पीछे प्रमुख लक्ष्य राज्य के भूमी डेटा को डिजिटल बनाना और जमीन लेनदेन में पारदर्शिता बढ़ाना है। इसका मकसद उन लगातार जमीनी विवादों का पता लगाना भी है, जिन्होंने सालों से बिहार की अदालतों को प्रभावित किया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 10, 2024 पर 6:49 PM
Bihar land survey: जमीनों को रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने की कवायद, 10,000 अधिकारी 45,000 गांवों को करेंगे कवर
Bihar land survey: जमीनों को रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने की कवायद

बिहार में विधानसभा चुनावों से एक साल पहले, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार का राजस्व और भूमि सुधार विभाग राज्य भर के 45,000 गांवों को कवर करते हुए भूमि सर्वे कर रहा है। इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार ने लगभग 10,000 अधिकारियों की नियुक्ति की थी। ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जुलाई में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विशेष सर्वे सहायक निपटान अधिकारी और दूसरे संबंधित पदों के लिए चयनित कई उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दिए थे।

बिहार के मुख्यमंत्री ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को विधानसभा चुनाव से पहले भूमि सर्वे पूरा करने का निर्देश दिया है। कुमार ने कहा, “मैंने कहा है कि ये काम (भूमि सर्वेक्षण) चुनाव से पहले किया जाना चाहिए। अगर ये सभी काम जुलाई 2025 से पहले हो जाएं तो अच्छा होगा।”

रिपोर्ट के अनुसार, विभाग ने लगभग 6.4 करोड़ राजस्व दस्तावेजों का डिजिटलीकरण किया है, जबकि अगले साल तक अतिरिक्त 160-200 मिलियन दस्तावेजों का डिजिटलीकरण होने की उम्मीद है।

दस्तावेज मामूली फीस पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होंगे। इस सर्वे के पीछे प्रमुख लक्ष्य राज्य के भूमी डेटा को डिजिटल बनाना और जमीन लेनदेन में पारदर्शिता बढ़ाना है।

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