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Delhi Election 2025: दिल्ली में AAP अकेले लड़ेगी विधानसभा चुनाव, अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को दिया बड़ा झटका

Delhi Election 2025: आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (11 दिसंबर) कहा है कि उनकी पार्टी आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगामी दिल्ली चुनावों में कांग्रेस के साथ संभावित गठबंधन के बारे में सूत्रों से आ रही खबरों को नकार दिया है

अपडेटेड Dec 11, 2024 पर 10:29 AM
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Delhi Election 2025: आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी

Delhi Election 2025: अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच मतभेद अब जोर पकड़ने लगी है। दिल्ली कांग्रेस के नेता कथित तौर पर AAP के साथ गठबंधन के पक्ष में हैं। लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (11 दिसंबर) कहा है कि उनकी पार्टी आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। उन्होंने आगामी चुनावों में गठबंधन के लिए कांग्रेस और AAP के बीच समझौते के अंतिम चरण में होने की खबरों को खारिज कर दिया है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी दिल्ली में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि AAP का कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन की कोई संभावना नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के साथ संभावित सीट बंटवारे के फॉर्मूले के बारे में अटकलों को भी खत्म कर दिया।

पहले ऐसी चर्चा थी कि 15 सीटें कांग्रेस के लिए, एक या दो सीटें अन्य 'इंडिया' ब्लॉक सदस्यों के लिए तथा शेष AAP के लिए आरक्षित होंगी। लेकिन केजरीवाल ने अगले साल फरवरी में होने वाले चुनावों में कांग्रेस के साथ संभावित सीट बंटवारे के फार्मूले के बारे में अटकलों को खत्म कर दिया है।


केजरीवाल चुनावी गठबंधन पर अपने रुख को लेकर लगातार स्पष्ट रहे हैं। इससे पहले भी इस महीने की शुरुआत में विपक्ष के इंडिया ब्लॉक को बड़ा झटका देते हुए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी में 2025 के विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन से इनकार कर दिया था।

केजरीवाल ने यह घोषणा इस साल अक्टूबर में हरियाणा विधानसभा चुनावों में AAP के कदम के बाद की गई है, जिसमें पार्टी ने INDIA ब्लॉक को छोड़ दिया था और अपने दम पर चुनाव लड़ा था। AAP और कांग्रेस ने हरियाणा में गठबंधन बनाने का प्रयास किया था। हालांकि, सीट बंटवारे की बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। केजरीवाल का यह फैसला इस महीने महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) की बड़ी हार के बाद आया है, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है।

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कांग्रेस और AAP ने इस साल दिल्ली में INDIA ब्लॉक के तहत एक दूसरे के साथ गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ा था। दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे के लिए प्रचार भी किया था। केजरीवाल उस समय चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत पर बाहर थे। उन्होंने भी कांग्रेस के लिए प्रचार किया था और अपनी विपक्षी पार्टी (दिल्ली विधानसभा में) के लिए वोट मांगे थे।

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