सन 1977 के जिस लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी की पराजय हो गई थी, उसके बारे में पहले यह आशंका जाहिर की जा रही थी कि पता नहीं कैसे नतीजे आएंगे। चूंकि इमरजेंसी की ज्यादतियों की पृष्ठभूमि में चुनाव होने को थे, इसलिए उसकी निष्पक्षता को लेकर जयप्रकाश नारायण से लेकर जार्ज फर्नांडिस तक भी आशंकित थे। आज जब कुछ लोग सन 2024 के लोक सभा चुनाव को लेकर स्पष्ट भविष्यवाणियां कर रहे हैं तो उस पर अचरज होता है। क्या इतना आसान है सटीक चुनावी भविष्यवाणी करना ?