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1 अप्रैल से 651 जरूरी दवाओं के दाम 6.73% घटे, जानें किन बीमारियों की दवाईयों की घटी कीमतें

सीएनबीसी-आवाज़ की दीपाली ने कहा कि कुल 651 जरूरी दवाओं के दाम 1 अप्रैल से करीब 6.73% घटे है। सरकार ने इन दवाईयों को पहले से ही नेशनल इंसेशियल मेडिसन स्टॉक्स में शामिल किया है जिसकी वजह इनके दाम में गिरावट आई है। जरूरी दवाईयों में दिल की बीमारी, बुखार, शुगर, ब्लड प्रेशर की दवाएं शामिल किये जाने से वे सस्ती हो गई हैं

Deepali Nandaअपडेटेड Apr 03, 2023 पर 3:03 PM
1 अप्रैल से 651 जरूरी दवाओं के दाम 6.73% घटे, जानें किन बीमारियों की दवाईयों की घटी कीमतें
सरकार ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि जिन दवावों के दाम 12% बढ़े हैं, वो पहले से ही 16% सस्ती हुई हैं

नया वित्तीय वर्ष शुरू हो चुका है। ऐसे में कई चीजों के दाम घटने और बढ़ने का सिलसिला शुरू हो सकता है। इसके साथ ही पहली अप्रैल कई जरूरी दवाईयों की कीमतें भी सस्ती होई गई हैं। इसमें शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों की दवाएं सस्ती हो गई हैं। इन दवाईयों को सरकार द्वारा जरूरी दवाईयों यानी कि इसेंशियल मेडिसिन्स की सूची में डाला गया है। इन दवाओं को जरूरी दवाओं की लिस्ट में डालने का असर है कि इनकी कीमतें पहले कम कम हो गई हैं। कौन-कौन सी दवाएं कितनी सस्ती हुई हैं। महंगाई बढ़ने का इन पर कितना असर हुआ है। इसकी जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ की दीपाली नंदा ने कहा कि दिल की बीमारी, डायबिटीज, फ्लू इस तरह की जितनी भी बीमारियां उनकी दवाईयों के दाम 1 अप्रैल से कम हो गये हैं।

दीपाली ने कहा कि 1 अप्रैल से कुल 651 जरूरी दवाओं के दाम 6.73% घटे है। इसकी वजह ये है कि सरकार ने इन दवाईयों को पहले नेशनल इंसेशियल मेडिसन स्टॉक्स में शामिल किया है। इनमें दिल की बीमारी, बुखार, शुगर, ब्लड प्रेशर की दवाएं शामिल होने का कारण वे सस्ती हो गई हैं।

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इस समय जरूरी दवाईयों के दाम बढ़ने को विपक्ष ने मुद्दा बना लिया है। वह सरकार को इस मुद्दे पर घेरने का प्रयास कर रही है। ऐसे में सरकार ने ये सफाई दी है। सरकार का कहना है कि इसेंशियल लिस्ट में शामिल करने से दाम ज्यादा नहीं बढ़े हैं। जरूरी दवाओं के दाम बढ़ने के आरोपों को सरकार ने नकार दिया है।

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