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Amrit Udyan: राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन का नाम बदला गया, अब 'अमृत उद्यान' के नाम से जाना जाएगा

Amrit Udyan: अमृत उद्यान यानी मुगल गार्डन में हर साल देश-विदेश से लोग फूलों की खूबसूरती देखने पहुंचते हैं। राष्ट्रपति की डिप्टी प्रेस सचिव नविका गुप्ता ने कहा कि देश के आजादी के 75 साल के मौके पर भारत के राष्ट्रपति भवन के सभी बगीचों को 'अमृत उद्यान' कहा जाएगा। बीजेपी नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने ट्वीट कर इस फैसले का स्वागत किया है

Curated By: Akhileshअपडेटेड Jan 28, 2023 पर 5:55 PM
Amrit Udyan: राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन का नाम बदला गया, अब 'अमृत उद्यान' के नाम से जाना जाएगा
Amrit Udyan: राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन का नाम बदलकर 'अमृत उद्यान' कर दिया गया है

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) के खूबसूरत मुगल गार्डन (Mughal Garden) का नाम बदल गया है। अब इसे अमृत गार्डन (Amrit Udyan) के नाम से जाना जाएगा। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय सिंह ने कहा कि देश के आजादी के 75 साल के मौके पर भारत के राष्ट्रपति भवन के सभी बगीचों को 'अमृत उद्यान' कहा जाएगा। सिंह ने बताया, "राष्ट्रपति जी ने निर्णय लिया है कि यहां (राष्ट्रपति भवन) जो गार्डन हैं, उनकी पहचान अब अमृत उद्यान के रूप में होगी।"

राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। इस गार्डन को देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। यहां पर 138 तरह के गुलाब, 10 हजार से ज्यादा ट्यूलिप बल्ब और 70 अलग-अलग प्रजातियों के लगभग 5,000 मौसमी फूलों की प्रजातियां हैं। इसको देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने आम लोगों के लिए खुलवाया था, तब से आज तक हर साल स्प्रिंग सीजन में इसे जनता के लिए खोला जाता है।

न्यूज 18 के मुताबिक, हर साल की तरह इस बार भी 'अमृत उद्यान' 31 जनवरी से आम लोगों के लिए खुल रहा है, जो 26 मार्च तक खुला रहेगा। राष्ट्रपति भवन की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि देश में मनाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव के चलते सरकार ने मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान किया गया है। अब से इसे अमृत उद्यान नाम से जाना जाएगा।

राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट के अनुसार, अमृत उद्यान यानी मुगल गार्डन करीब 15 एकड़ में फैला हुआ है। इसे प्रेसीडेंशियल पैलेस की आत्मा के रूप में चित्रित किया जाता है। मुगल गार्डन को जम्मू और कश्मीर के मुगल गार्डन, ताजमहल के आस-पास के गार्डन, भारत और पेरिस की लघु पेंटिंग से प्रेरित है। सर एडविन लुट्येन्स ने 1917 में मुगल गार्डन के डिजाइन को अंतिम रूप दिया था।

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