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मधुसूदन केला ने कहा-रतन टाटा ऐसे व्यक्ति थे जिनका P/E अनंत था, टाटा समूह को उन्होंने जिस ऊंचाई पर पहुंचाया उसे मापा नहीं जा सकता

मधुसूदन केला ने कहा कि टाटा ग्रुप ने शेयरहोल्डर्स के लिए जितनी संपत्ति बनाई है, उतनी इंडिया में किसी दूसरी कंपनी ने नहीं बनाई। इसमें न सिर्फ कारोबार में उनकी सफलता का हाथ है बल्कि उस खास ओनरशिप स्ट्रक्चर का हाथ है, जिसे रतन टाटा ने बनाया था। आज टाटा समूह की ज्यादातर लिस्टेड कंपनियों की ओनरशिप शेयरहोल्डर्स के पास है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 10, 2024 पर 10:11 AM
मधुसूदन केला ने कहा-रतन टाटा ऐसे व्यक्ति थे जिनका P/E अनंत था, टाटा समूह को उन्होंने जिस ऊंचाई पर पहुंचाया उसे मापा नहीं जा सकता
मधुसूदन केला ने कहा कि इंडिया ऐसा देश है, जहां कारोबार करना आसान नहीं है। लेकिन, रतन टाटा ने अलग-अलग सरकारों के साथ काम किया, अलग-अलग समय में काम किया।

दिग्गज निवेशक मधुसूदन केला ने टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा है कि मार्केट के शब्दों में कहा जाए तो रतन टाटा का पी/ई अनंत था। उन्होंने टाटा समूह की वैल्यू जहां पहुंचाई, उसे मापा नहीं जा सकता। टाटा ग्रुप ने शेयरहोल्डर्स के लिए जितनी संपत्ति बनाई है, उतनी इंडिया में किसी दूसरी कंपनी ने नहीं बनाई। इसमें न सिर्फ कारोबार में उनकी सफलता का हाथ है बल्कि उस खास ओनरशिप स्ट्रक्चर का हाथ है, जिसे रतन टाटा ने बनाया था। आज टाटा समूह की ज्यादातर लिस्टेड कंपनियों की ओनरशिप शेयरहोल्डर्स के पास है। इसका मतलब है कि ज्यादातर संपत्ति लोगों में बंटी हुई है।

अपनी मानवतावादी सोच के लिए मशूहर थे रतन टाटा

केला ने कहा कि टाटा समूह की कंपनियों में प्रमोटर की जो हिस्सेदारी है वह ज्यादातर टाटा के ट्रस्ट्स के पास है, जिसका मकसद परोपकार है। उन्होंने कहा कि इंडिया में सफल उद्योगपतियों की कमी नहीं है, लेकिन टाटा समूह की विरासत का मुकाबला करने वाले बहुत कम उद्योगपति हैं। रतन टाटा की पहचान न सिर्फ कारोबार के बारे में उनकी बेमिसाल समझ की वजह से थी बल्कि वह उन्हें मानवतावादी सोच और विजन के लिए भी जाना जाता था। देश के सबसे पुराने और सम्मानित औद्योगिक घराने के रूप में टाटा ग्रुप ने समाज और बिजनेसेज को एक समान तरीके से प्रेरित किया है।

दुनियाभर में किया टाटा समूह का विस्तार

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