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Services PMI : मार्च में सर्विसेज पीएमआई बढ़कर 61.2 पर आई, कंपोजिट पीएमआई भी 60.6 से बढ़कर 61.8 पर रही

Services PMI : 61.2 के स्तर पर फरवरी सर्विसेज पीएमआई 21 मार्च को जारी 60.3 के फ्लैश अनुमान 50 के अहम स्तर से ऊपर है। देश का सर्विसेज पीएमआई लगातार 31वें महीने 50 से ऊपर रहा है जो गतिविधि में विस्तार को संकुचन से अलग करता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 04, 2024 पर 12:01 PM
Services PMI : मार्च में सर्विसेज पीएमआई बढ़कर 61.2 पर आई, कंपोजिट पीएमआई भी 60.6 से बढ़कर 61.8 पर रही
मजबूत मांग के कारण फरवरी में मामूली गिरावट के बाद मार्च में भारत का सर्विसेज पीएमआई बढ़ा है। जिससे बिक्री और व्यावसायिक गतिविधि में तेजी आई

Services PMI : मार्च 2024 में भारत की सर्विसेज पीएमआई बढ़कर 61.2 हो गई है जो 13.5 सालों की सबसे मजबूत ग्रोथ रेट में से एक है। इस उछाल का श्रेय मुख्य रूप से बेहतर मांग स्थितियों, कार्यक्षमता में बढ़त और बिक्री में जोरदर बढ़त को जाता है। 4 अप्रैल को जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च में भारत के सर्विस सेक्टर की गतिविधि में विस्तार जारी रहा। इस सेक्टर का एचएसबीसी परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 61.2 पर आ गया। फरवरी के 60.6 से बढ़कर मार्च में 61.2 पर पहुंचने के साथ ही सीजनली एडजस्टेड एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स साढ़े तेलह सालों में देखी गई सबसे मजबूत विकास दरों में से एक रही है।

लगातार 31वें महीने 50 से ऊपर रही सर्विसेज पीएमआई

61.2 के स्तर पर फरवरी सर्विसेज पीएमआई 21 मार्च को जारी 60.3 के फ्लैश अनुमान 50 के अहम स्तर से ऊपर है। देश का सर्विसेज पीएमआई लगातार 31वें महीने 50 से ऊपर रहा है जो गतिविधि में विस्तार को संकुचन से अलग करता है। बता दें कि 50 का स्तर सर्विसेज गतिविधि में विस्तार और संकुचन के विभाजक रेखा का काम करता है। यानी सर्विसेज PMI की 50 से ऊपर की रीडिंग सर्विस सेक्टर की गतिविधि में विस्तार का संकेत देती है। जबकि 50 से नीचे की रीडिंग सर्विस सेक्टर की गतिविधि में संकुचन का संकेत होती है।

"मजबूत मांग के कारण फरवरी में मामूली गिरावट के बाद मार्च में भारत का सर्विसेज पीएमआई बढ़ा है। जिससे बिक्री और व्यावसायिक गतिविधि में तेजी आई। सर्विस प्रोवाइडरों ने उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए अगस्त 2023 के बाद से सबसे तेज गति से नियुक्तियां बढ़ाईं है । एचएसबीसी के एक अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, "इनपुट लागत तेजी से बढ़ी है फिर भी सर्विस प्रोवाइडर हाई आउटपुट कीमतें वसूल कर मोटे तौर पर मार्जिन बनाए रखने में सक्षम रहे।"

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