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Angel One ने क्लाइंट्स को भेजा मेल, Dinesh Kirola से रहें दूर, ये है पूरा मामला

दिग्गज ब्रोकरेज फर्म एंजेल वन (Angel One) ने अपने सभी क्लाइंट्स को एक एडवायजरी भेजी है। इसमें उनसे फिनफ्लूएंसर दिनेश किरोला से दूर रहने को कहा गया है। दिनेश किरोला का सोशल नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है। उनके इंस्टाग्राम पर 5 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं और यूट्यूब पर भी करीब 4 लाख फॉलोअर्स हैं। इसके अलावा टेलीग्राम चैनल और वॉट्सऐप ग्रुप पर उनके ढेर सब्सक्राइबर्स हैं

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Aug 24, 2023 पर 5:02 PM
Angel One ने क्लाइंट्स को भेजा मेल, Dinesh Kirola से रहें दूर, ये है पूरा मामला
दिनेश किरोला मुख्यधारा के मीडिया और डिजिटल चैनलों को इंटरव्यू देने के चलते काफी फेमस हो गए। उन्हें इन सभी रिपोर्ट में ऐसे फौजी के रूप में पेश किया गया जिन्होंने रिटायरमेंट के बाद ट्रेडिंग का रास्ता चुना और अपनी जिंदगी बदल ली। हालांकि एक्स (पूर्व नाम ट्विटर) यूजर्स ने उनके प्रॉफिट एंड लॉस में चालाकी पकड़ ली।

दिग्गज ब्रोकरेज फर्म एंजेल वन (Angel One) ने अपने सभी क्लाइंट्स को एक एडवायजरी भेजी है। इसमें उनसे फिनफ्लूएंसर दिनेश किरोला से दूर रहने को कहा गया है। दिनेश किरोला का सोशल नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है। उनके इंस्टाग्राम पर 5 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं और यूट्यूब पर भी करीब 4 लाख फॉलोअर्स हैं। इसके अलावा टेलीग्राम चैनल और वॉट्सऐप ग्रुप पर उनके ढेर सब्सक्राइबर्स हैं। फिनफ्लूएंसर ऐसे लोग होते हैं जो निवेशकों को मोटी कमाई के लिए शेयर बताते हैं और वे नए लोगों को स्टॉक मार्केट से जोड़ते हैं। इसका मकसद ट्रेडिंग वॉल्यूम को बढ़ाना होता है। एक दिन पहले मनीकंट्रोल ने खुलासा किया था कि दिनेश किरोला एंजेल वन समेत कुछ ब्रोकरेज के रेफरल पार्टनर के जरिए अपना मुनाफा बढ़ाते हैं।

क्या है पूरा मामला

रिपोर्ट के मुताबिक किरोला ने एक वीडियो में अपने प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट में छेड़छाड़ कर निवेशकों को गुमराह किया। यह वीडियो 'हाऊ आई मेड प्रॉफिट ऑफ 5 लाख निफ्टी एक्सपायरी-150% आरओआई' यानी कैसे माने निफ्टी एक्सपायरी से 5 लाख रुपये का प्रॉफिट कमाया-निवेश पर 150 फीसदी रिटर्न; के नाम से था। इसी प्रकार के और भी फिनफ्लूएंसर्स ने अपने प्रॉफिट एंड लॉस (P&L) स्टेटमेंट्स को एडिट करते हैं और अपनी गैरकानूनी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के विज्ञापन के लिए हाई रिटर्न दिखाते हैं। इससे कुछ निवेशक गुमराह होते हैं और कभी-कभी वे अपने ट्रेडिंग अकाउंट की लॉग इन डिटेल्स भी उनसे साझा कर देते हैं ताकि फिनफ्लूएंसर्स उनकी आईडी से ट्रेडिंग कर सकें। कोर्सेज के जरिए अधिक से अधिक स्टूडेंट्स को मार्केट से जोड़ा जाता है जिससे फिनफ्लूएंसर को ब्रोकरेज में बड़ा हिस्सा हासिल होता है।

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पकड़ में कैसे आया मामला

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