अगर आपकी गाड़ी का बार-बार चालान कट रहा है। आपके पुराने चालान काफी ज्यादा हो गए हैं तो अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। दिल्ली सरकार ऐसे लोगों के लिए बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है। भारी-भरकम ट्रैफिक चालान से परेशान दिल्लीवासियों को केजरीवाल सरकार बड़ी राहत दी है। सरकार ने ट्रैफिक चालान में 50 फीसदी तक छूट देने का ऐलान किया है। दिल्ली सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की विशेष धाराओं के तहत चालान होने पर यह छूट मिलेगी। इससे अदालतों और परिवहन विभाग पर काम का बोझ कम होगा। बस इस प्रस्ताव पर अब केवल एलजी की मुहर लगने का इंतजार है।
हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें जोड़ी गई हैं। नोटिफिकेशन जारी होने के 90 दिनों के भीतर मौजूदा चालानों का और नोटिफिकेशन जारी होने के बाद काटे गए चालानों का 30 दिनों के अंदर निपटारा करने पर इस छूट का फायदा मिलेगा।
दिल्ली सरकार का कहना है कि इससे जनता को काफी सुविधा मिलेगी। परिवहन विभाग के साथ-साथ अदालतों के काम का बोझ कम होगा। इसके साथ ही लंबे समय तक चलने वाले कानूनी विवादों से भी बचा जा सकेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को मिलेगा, जो अभी अपने पेंडिंग चालानों के निपटारे के लिए लोक अदालत लगने का इंतजार करते रहते हैं। लेकिन कई बार कोशिश करने के बाद भी उन्हें अपने चालान के निपटारे का मौका नहीं मिल पाता है। जिन नियमों के उल्लंघन में चालान कटने पर जुर्माने में छूट का प्रावधान किया गया है।
उनमें कुछ ऑफेंस ऐसे भी हैं। जिनमें दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग के हेड कॉन्स्टेबल या उनसे ऊपर के रैंक के अधिकारियों के साथ-साथ डीटीसी के सहायक यातायात निरीक्षक (एटीआई) भी चालान काट सकेंगे या जुर्माना ले सकेंगे। हालांकि, ये जुर्माना नकद नहीं, बल्कि ई-चालान मशीनों या दिल्ली सरकार द्वारा अधिकृत अन्य ऑनलाइन माध्यमों के जरिए ही वसूला जा सकेगा।
किन अपराधों में मिलेगी यह छूट?
दिल्ली सरकार के नए प्रस्ताव के मुताबिक, यह व्यवस्था उन अपराधों के लिए होगी, जैसे जब कोई वाहन मालिक किसी अनअथॉराइज्ड शख्स या अपात्र व्यक्ति को वाहन चलाने की अनुमति देता है, अगर कोई बिना वैलिड लाइसेंस के वाहन चलाता है, अगर कोई खतरनाक तरीके से वाहन चलाता है, या फिर वह वाहन चलाने के लिए अयोग्य होते हुई भी गाड़ी चलाता है।
मोटर वाहन अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं- 177, 178(1)या(2), 178(3)(A), 178(3)(B), 179(1) या (2), 180, 181, 182(1), 182( 2), 182A(1), 182A(3), 182A(4), 182B 183(i), 183(ii), 184, 186, 189, 190(2), 192(1), 192A, 194( 1), 194(2), 194A, 194B (1)&(2), 194C, 194D, 194E, 194F (A) और (B), 196 और 198 में और उसके तहत बनाए गए नियमों पर यह लागू होगा।