Get App

Dengue New Variant: डेंगू के लक्षणों में बड़ा बदलाव, तबाही मचा रहा है नया वेरिएंट DEN2, जानिए कैसे करें बचाव

Dengue New Variant: देशभर में डेंगू के मामले तेजी से बढ़े हैं। स्थिति ऐसी है कि सिर्फ गाजियाबाद और नोएडा में 4 दिनों में 3 लोगों की मौत हो गई है और इसका कारण इस नए डेंगू वेरिएंट को बताया जा रहा है। नए वेरिएंट से डेंगू के लक्षणों में काफी बदलाव आया है। इसमें प्लेटलेट्स काफी तेजी से गिरती हैं

Jitendra Singhअपडेटेड Sep 20, 2023 पर 2:57 PM
Dengue New Variant: डेंगू के लक्षणों में बड़ा बदलाव, तबाही मचा रहा है नया वेरिएंट DEN2, जानिए कैसे करें बचाव
Dengue New Variant: इस वायरस के 4 वेरिएंट हैं। जिनके नाम DENV-1. DENV-2, DENV-3 और DENV-4 हैं।

Dengue New Variant: देश के कई राज्यों में डेंगू तेजी से फैल रहा है। इसके नए वेरिएंट से हाहाकार मचा हुआ है। उत्तर प्रदेश के नोएडा में डेंगू का नया वेरिएंट सामने आया है। यह नया वेरिएंट DEN2 है, जो घातक साबित हो रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि यह नया स्ट्रेन गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है। इस नए वेरिएंट में प्लेटलेट्स काफी तेजी से गिरती हैं। अब कोरोना की तरह डेंगू के भी नए-नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं। जिस मच्छर के काटने से डेंगू का नया वेरिएंट फैला है। उसे टाइगर मच्छर (dengue tiger mosquito) भी कहा जाता है। इस मच्छर को सबसे ज्यादा जानलेवा बताया जा रहा है।

डेंगू मच्छरों से फैलने वाली एक वायरल बीमारी है। इस वायरस के 4 वेरिएंट हैं। जिनके नाम DENV-1. DENV-2, DENV-3 और DENV-4 है। ये स्ट्रेन पहले ही से ही मौजूद रहा है। लेकिन समय के साथ साथ ये ज्यादा गंभीर होता चला गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली-NCR में एक तिहाई मामलों में यही नजर आ रहा है। बता दें कि डेंगू वायरस संक्रमित Aedes Aegypti मादा मच्छर के काटने से इंसानों में फैलता है।

डेंगू DEN2 के लक्षण

डेंगू होने पर प्लेटलेट्स गिरना आम बात है। लेकिन नए वेरिएंट के प्रभाव से प्लेटलेट्स गिरने की दर बहुत तेज हो जाती है। इसके अलावा इस वेरिएंट की वजह से हेमोरेजिक फीवर का खतरा भी बढ़ गया है। इस फीवर में तेज बुखार, उल्टी, सिरदर्द के अलावा जॉइंट पेन भी हो सकता है। कुछ लोगों को रैशेज, घबराहट, जरूरत से ज्यादा कमजोरी और नाम-मसूड़ों से खून भी निकल सकता है। इसलिए तेज बुखार आते ही डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी जा रही है। DENV-2 को सबसे गंभीर माना जाता है। भारत में साल 2012 तक D1 और D3 स्ट्रेन ज्यादा प्रभावी थे, लेकिन उसके बाद से D2 ज्यादा हावी होने लगा है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें