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Diabetes: बांके बिहारी नाम का यह फल Blood Sugar की कर देगा छुट्टी, वजन भी रहता है कंट्रोल

Diabetes: कृष्णा फल एक पौष्टिक फल है। इसे बांके बिहाकी और पैशन फ्रूट के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत में दुर्लभ है। इसके सेवन से कई बीमारियों की छुट्टी हो जाती है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह किसी अमृत से कम नहीं है। हार्ट के लिए भी यह काफी फायदेमंद माना जाता है

Jitendra Singhअपडेटेड Aug 26, 2023 पर 11:14 AM
Diabetes: बांके बिहारी नाम का यह फल Blood Sugar की कर देगा छुट्टी, वजन भी रहता है कंट्रोल
Diabetes: कृष्ण फल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है. कृष्ण फल खाने के बाद ब्लड शुगर के लेवल बहुत धीरे-धीरे बढ़ता है

Diabetes: पैशन फ्रूट या ‘कृष्णा फल’ (Passion Fruit or Krishna Phal) एक ऐसा फल है। जिसमें मिनरल्स और विटामिन्स का भंडार है। यह फल सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना गया है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है। कृष्ण फल (Krishna Phal) मूल रूप से ब्राजील का फल है। लेकिन अब इसकी खेती कई देशों में की जाती है। हालांकि ब्राजील का फल होने के कारण यह बहुत ही कम मिलता है। इस फल का नाम भगवान कृष्ण के नाम पर कृष्ण फल (Krishna Phal) रखा गया है। इसे बांके बिहारी के नाम से भी जानते हैं।

पैशन फ्रूट ‘कृष्णा फल’ में केले, पपीते, आम और अनानास जैसे फलों से भी ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स और पोषण तत्व पाए जाते हैं। भारत में यह बहुत कम जगह मिलता है। अगर कहीं दिख जाए तो फौरन खरीद लेना चाहिए। इसके सेवन से कई तरह की बीमारियां जड़ से खत्म हो जाएंगी।

कृष्ण फल के सेवन से डायबिटीज की हो जाएगी छुट्टी

इस फल का सेवन डायबिटीज मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद माना गया है। इसमें फिनोल और फ्लेवोनॉयड्स की मात्रा मौजूद होती है जो ब्लड में बढ़े हुए शुगर लेवल को कंट्रोल में रखते हैं। इसमें अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। कृष्ण फल में विटामिन C, बीटा कैरोटीन, पोलीफिनॉल जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले डैमेज को बचाते हैं। फ्री रेडिकल्स के कारण कई तरह की क्रोनिक बीमारियां होती हैं। कृष्ण फल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। इसका मतलब है कि कृष्ण फल खाने के बाद ब्लड शुगर के लेवल बहुत धीरे-धीरे बढ़ता है जो डायबिटीज मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। फाइबर की मात्रा ज्यादा होने के कारण कृष्णफल में कार्बोहाइड्रैट का असर कम हो जाता है।

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