Elon Musk News: स्पेसएक्स के संस्थापक और अमेरिकी अरबपति एलॉन मस्क ने को उन दावों का जवाब दिया है जिसमें कहा गया था कि हिंसाग्रस्त मणिपुर में स्टारलिंक के सैटेलाइट इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। हाल के हफ्तों में मणिपुर के अशांत इंफाल ईस्ट जिले में छापेमारी के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा दो स्टारलिंक डिवाइस जब्त किए जाने से भारत में सैटेलाइट इंटरनेट के इस्तेमाल की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि, मस्क ने कहा है कि भारत में स्टारलिंक सैटेलाइट बीम बंद कर दिए गए हैं। स्टारलिंक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं देने के लिए भारत सरकार से मंजूरी मांग रहा है। मस्क के स्वामित्व वाली यह कंपनी इस प्रक्रिया के तहत संभावित सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए काम कर रही है।
मंगलवार (17 दिसंबर) देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में मस्क ने कहा कि भारत के ऊपर स्टारलिंक के सैटेलाइट बीम बंद कर दिए गए हैं। उनका यह बयान उस दावे की प्रतिक्रिया में आया है जिसमें कहा गया कि उनकी कंपनी के उपकरण का इस्तेमाल हिंसाग्रस्त मणिपुर में किया जा रहा है। सुरक्षा बलों ने हाल ही में इंफाल पूर्वी जिले में छापेमारी के दौरान हथियारों और गोला-बारूद के साथ कुछ इंटरनेट उपकरण जब्त किए थे।
भारतीय सेना के स्पियर कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जब्त की गई चीजों की तस्वीरें शेयर की थीं। इसके बाद एक यूजर ने इस पर ध्यान दिया कि उनमें से एक उपकरण पर 'स्टारलिंक का लोगो' था। इस ओर ध्यान आकर्षित करते हुए एक यूजर ने X पर पोस्ट कर कहा, "स्टारलिंक का इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा किया जा रहा है। आशा है कि एलन मस्क इस पर ध्यान देंगे और इस तकनीक के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने में मदद करेंगे।"
इस पोस्ट के जवाब में मस्क ने लिखा, "यह गलत है। भारत के ऊपर स्टारलिंक के सैटेलाइट बीम बंद कर दिए गए हैं।" राज्य पुलिस के अनुसार, केराओ खुनौ से जब्त की गई सामग्री में एक इंटरनेट सैटेलाइट एंटीना, एक इंटरनेट सैटेलाइट राउटर और 20 मीटर (लगभग) एफटीपी तार शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि स्टारलिंक जैसे उपकरण की बरामदगी के बाद एजेंसियों ने इस बात की जांच शुरू कर दी कि यह उपकरण हिंसाग्रस्त राज्य में कैसे पहुंचा।
सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने वाली मस्क की कंपनी स्टारलिंक के पास भारत में काम करने का लाइसेंस नहीं है। पिछले साल मई से मणिपुर में मेइती और कुकी समूहों के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। मणिपुर में 3 मई 2023 को जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से ही छिटपुट हिंसा हो रही है।
बढ़ते संकट के बीच, केंद्र ने पिछले महीने छह क्षेत्रों में अफस्पा को फिर से लागू कर दिया। इसे एक साल पहले इसे वहां से हटा दिया गया था, जिससे इंफाल घाटी में विरोध की एक नई लहर शुरू हो गई है।