Farmers Protest in Delhi: फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी देने समेत अन्य कई मांगों को लेकर दो केंद्रीय नेताओं के साथ बैठक बेनतीजा रहने के बाद किसान आज यानी मंगलवार (13 फरवरी) को दिल्ली की ओर कूच (Delhi Chalo march) कर चुके हैं। दिल्ली की सीमाओं पर एक साल के लंबे विरोध प्रदर्शन के बाद केंद्र की मोदी सरकार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर करने के दो साल बाद पंजाब के किसान अब नई मांगों के साथ एक बार फिर सड़कों पर आ गए हैं। 'दिल्ली चलो' मार्च रोकने के लिए सोमवार रात किसान नेताओं की केंद्रीय मंत्रियों के साथ 5 घंटे से अधिक समय तक चली बैठक बेनतीजा रही।
हरियाणा में अधिकारियों ने कंक्रीट के बैरिकेट्स, लोहे की कीलों और कंटीली तारों का इस्तेमाल कर अंबाला, जींद, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और सिरसा में कई स्थानों पर पंजाब के साथ राज्य की सीमाओं पर सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी है। हरियाणा सरकार ने भी 15 जिलों में दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 144 के तहत पाबंदियां लागू की हैं जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने और ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ किसी भी प्रकार के प्रदर्शन पर रोक है।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने घोषणा की है कि किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के वास्ते कानून बनाने सहित अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को दिल्ली कूच करेंगे। किसानों ने सुबह 10 बजे मार्च शुरू करने की घोषणा की है। उनकी अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और दबवाली सीमाओं से दिल्ली की ओर कूच करने की योजना है।
2024 के दिल्ली चलो मार्च का नेतृत्व किसान मजदूर मोर्चा और 150 यूनियनों के मंच संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले 250 किसान संघों द्वारा किया जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) से अलग हुआ गुट है। पंजाब स्थित भारतीय किसान यूनियन (BKU) सिधुपुर फार्म यूनियन के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाल नेता हैं। KMS भी 2020 में मुख्य विरोध का हिस्सा नहीं था। इसका नेतृत्व पंजाब स्थित यूनियन किसान मजदूर संघर्ष समिति (KMSC) के संयोजक सरवन सिंह पंढेर कर रहे हैं।
सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने वाला कानून और डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों की कीमतें निर्धारित करने सहित अन्य मांगें इस प्रकार है:-
- किसानों और मजदूरों की संपूर्ण कर्जमाफी।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 का कार्यान्वयन, जिसमें अधिग्रहण से पहले किसानों से लिखित सहमति और कलेक्टर दर से चार गुना मुआवजा देने का प्रावधान है।
- अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी हत्याकांड के अपराधियों को सजा।
- विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से बाहर निकलना और सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाना।
- किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन का ऐलान हो।
- दिल्ली विरोध प्रदर्शन के दौरान मरने वाले किसानों के लिए मुआवजा, जिसमें परिवार के एक सदस्य के लिए नौकरी शामिल है।
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को खत्म करना।
- मनरेगा के तहत प्रति वर्ष 200 (100 के बजाय) दिन का रोजगार, दैनिक मजदूरी 700 रुपये और योजना को खेती से जोड़ा जाए।
- नकली बीज, कीटनाशक, उर्वरक बनाने वाली कंपनियों पर सख्त दंड और जुर्माना। बीज की गुणवत्ता में सुधार की मांग।
- मिर्च और हल्दी जैसे मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन करने की मांग।