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Ganesh Chaturthi 2023: 18 या 19 सितंबर को कब है गणेश चतुर्थी? जानिए सही डेट और शुभ मूहर्त, इतने दिन बैंक रहेंगे बंद

Ganesh Chaturthi 2023: गणेश उत्सव इस साल 19 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। 28 सितंबर को यह उत्सव खत्म हो जाएगा। इस दौरान देश के कई शहरों में तीन दिन तक बैंक बंद रहेंगे। गणेश चतुर्थी का पर्व गुजरात, महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान, मध्‍यप्रदेश समेत देश के तमाम हिस्‍सों में धूमधाम से मनाया जाता है

Jitendra Singhअपडेटेड Sep 16, 2023 पर 11:22 AM
Ganesh Chaturthi 2023: 18 या 19 सितंबर को कब है गणेश चतुर्थी?  जानिए सही डेट और शुभ मूहर्त, इतने दिन बैंक रहेंगे बंद
Ganesh Chaturthi 2023: भाद्रपद मास की शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्‍सव की शुरुआत होती है। अनंत चतुर्दशी पर इसका समापन होता है।

Ganesh Chaturthi 2023: भगवान गणेश के जन्म के रूप में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। भगवान गणेश एक पूजनीय देवता हैं। जिन्हें ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य से जोड़ा गया है। भगवान गणेश को गजानन, धूम्रकेतु, एकदंत, वक्रतुंड और सिद्धि विनायक समेत कई नामों से जाना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल की चतुर्थी से देशभर में गणेश चतुर्थी पर्व का शुभारंभ हो जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान भक्त बप्पा को अपने घर लाते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा को विदा कर देते हैं। इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को पड़ रही है यानी इसी दिन से गणेश उत्‍सव की शुरुआत हो जाएगी।

इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर 2023 और 19 सितंबर 2023 दो दिन पड़ रही हैं। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर 2023 को दोपहर 12:39 बजे से शुरू होकर 19 सितंबर 2023 को दोपहर 1:43 बजे खत्म होगी। ऐसे में 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन ब्रह्म, शुक्ल और शुभ योग बन रहे हैं।

ये है गणेश स्‍थापना का शुभ मुहूर्त

भाद्रपद माह की शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 1.39 बजे से शुरू होगी। यह 19 सितंबर को दोपहर 01.43 बजे तक रहेगी। 19 सितंबर को गणपति जी की स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 10:50 मिनट से 12:52 मिनट तक है। अतिशुभ मुहूर्त 12:52 बजे से 02:56 बजे तक है। किसी भी काम को शुभ मुहूर्त देखकर करने से अधिक लाभ मिल सकता है। गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा को घर लाने और उनकी स्थापना करने का शुभ समय ध्यान में रखना जरूरी है। सही मुहूर्त में गणपति की प्रतिमा को घर लाएं और चौकी पर विराजमान करें। इसके बाद उन्‍हें सिंदूर, फूलमाला, धूप, दीप, अक्षत, पान, लड्डू, मोदक, दूर्वा आदि अर्पित करें। फिर नियमित रूप से गणेश जी की विधि विधान से पूजा करें। पांचवें, सातवें या 11वें दिन उनका विसर्जन करें।

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