सरकारी अस्पतालों की हालत कैसी है, यह किसी से छिपा नहीं है। समय पर डॉक्टर मिल जाए, इसके बाद बेहतर इलाज हो जाए तो शायद बहुत खुशनसीब होंगे। लेकिन जब किसी आला अधिकारी के फोन की घंटी बज जाए तो फिर पूरा स्टाफ एक उंगली पर नाचने लगता है। मध्य प्रदेश के बैतूल में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। दरअसल, एक नाबालिग सड़क दुर्घटना में घायल हो गया है। वो सरकारी जिला अस्पताल में इलाज कराने पहुंच गया। समय से उसे इलाज नहीं मिलने पर जिला अधिकारी (DM) को रात 3 बजे फोन घुमा दिया। इसके बाद डीएम साहब भी रात 3 बजे अस्पताल पहुंच गए।