Holi 2025: बिना ज्यादा खर्च किए मनाएं होली, इन बजट-फ्रेंडली डेस्टिनेशंस पर घूमने का बनाएं प्लान
Holi 2025: होली का त्योहार केवल रंगों की मस्ती तक सीमित नहीं है, बल्कि यह घूमने-फिरने और नई जगहों को एक्सप्लोर करने का भी बेहतरीन मौका देता है। अगर आप इस बार होली को खास बनाना चाहते हैं, तो मथुरा-वृंदावन समेत भारत की अनोखी जगहों पर जाकर इस रंगीन उत्सव का आनंद ले सकते हैं
Holi 2025: मथुरा-वृंदावन की ऑफबीट जगहों की करें सैर
होली केवल रंगों और मस्ती का त्योहार ही नहीं, बल्कि घूमने-फिरने और नए अनुभवों को संजोने का भी शानदार मौका है। अगर आप इस होली पर रोजमर्रा की भागदौड़ से दूर किसी खास जगह जाने का प्लान बना रहे हैं, तो मथुरा-वृंदावन समेत भारत की कुछ अनोखी और ऐतिहासिक जगहें आपका इंतजार कर रही हैं। भारत में हर राज्य की होली का रंग अलग होता है—कहीं फूलों से होली खेली जाती है, तो कहीं रंगों की बौछार होती है। कहीं ढोल-नगाड़ों की गूंज होती है, तो कहीं परंपरागत रस्मों के साथ होली का उत्सव मनाया जाता है। इस बार लॉन्ग वीकेंड का फायदा उठाकर आप उन जगहों पर जा सकते हैं।
होली का जश्न अनोखे अंदाज में मनाया जाता है और जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग खिंचे चले आते हैं। तो चलिए, जानते हैं भारत की उन खास जगहों के बारे में, जहां होली का मजा दोगुना हो जाता है और ये त्योहार एक यादगार अनुभव में बदल जाता है।
भारत में कहां की होली होती है सबसे खास?
मथुरा-वृंदावन
मथुरा-वृंदावन की होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां फूलों की होली खेली जाती है, जो एक सप्ताह तक चलने वाले भव्य उत्सव का हिस्सा होती है। देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक यहां आकर इस अद्भुत नजारे का आनंद लेते हैं।
बरसाना
बरसाना में मनाई जाने वाली लट्ठमार होली बेहद अनोखी होती है। इस दौरान महिलाएं पुरुषों पर लाठी चलाकर उन्हें छेड़ती हैं, जबकि पुरुष खुद को बचाने का प्रयास करते हैं। यह उत्सव पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है।
हम्पी
दक्षिण भारत में होली का रंग हम्पी में देखने को मिलता है। यहां इस दिन भव्य जुलूस निकाले जाते हैं, जिसमें लोग नाचते-गाते एक-दूसरे को रंग लगाते हैं। तुंगभद्रा नदी के किनारे यह उत्सव बेहद खास होता है।
उदयपुर
राजस्थान की होली शाही अंदाज में मनाई जाती है। यहां के राजमहलों और ऐतिहासिक स्थलों पर पारंपरिक तरीके से होली का जश्न देखने लायक होता है।
इंदौर
इंदौर में होली के पांच दिन बाद 'देवताओं की होली' मनाई जाती है, जो अपने आप में एक अनूठी परंपरा है। यह आयोजन बड़ी धूमधाम से किया जाता है।
पुष्कर
पुष्कर की होली दुनियाभर में फेमस है। इस दौरान यहां एक भव्य मेला भी आयोजित किया जाता है, जिसमें देश-विदेश से पर्यटक शामिल होते हैं।
मथुरा-वृंदावन की ऑफबीट जगहें जहां होली का मजा होगा दोगुना
अगर आप भीड़भाड़ से दूर शांत वातावरण में होली का आनंद लेना चाहते हैं, तो मथुरा-वृंदावन की इन ऑफबीट जगहों की यात्रा करें:
गोकुल का चौरासी खंबा
यह वही स्थान है, जहां भगवान कृष्ण का बचपन बीता था। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यहां दर्शन करने से चारों धामों का पुण्य मिलता है।
रमणरेती
ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण अपने बाल्यकाल में यहां अपने सखाओं के साथ क्रीड़ा करते थे। इस स्थान की पवित्रता और आध्यात्मिक ऊर्जा इसे खास बनाती है।
दाऊजी (बलदेव) मंदिर
मथुरा से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम को समर्पित है। यहां होली पर विशेष आयोजन किए जाते हैं।
निधिवन
इस स्थान को लेकर कहा जाता है कि यहां रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण राधा और गोपियों संग रास रचाते हैं। निधिवन की दिव्यता इसे पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाती है।
बरसाना
राधा रानी का मंदिर बरसाना की पहाड़ियों पर स्थित है। राधा अष्टमी के अवसर पर यहां भारी भीड़ उमड़ती है और यह स्थान भक्तों के लिए बेहद खास माना जाता है।
यात्रा का खर्च कितना आएगा?
अगर आप मथुरा-वृंदावन की यात्रा का प्लान बना रहे हैं, तो दो दिन घूमने के लिए आपको लगभग ₹5000 से ₹7000 का खर्च आ सकता है। इसमें होटल, भोजन और स्थानीय यात्रा का खर्च शामिल है।
होली के त्योहार को यादगार बनाने के लिए मथुरा-वृंदावन की यात्रा एक शानदार विकल्प हो सकता है। यहां की पारंपरिक होली, धार्मिक स्थल और आध्यात्मिक वातावरण इसे खास बनाते हैं।