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भारत में अभी भी हर 36 में से एक बच्चा नहीं मना पाता अपना पहला जन्मदिन, एक साल के अंदर हो जाती है मौत

पिछले दशकों में नवजात मृत्यु दर में गिरावट के बावजूद राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक 36 में एक नवजात की मौत उसके जीवन के पहले साल में ही हो गई। साल 2020 में अधिकतम IMR मध्यप्रदेश (43) में और न्यूनतम मिजोरम (3) में दर्ज की गई

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 04, 2022 पर 6:31 PM
भारत में अभी भी हर 36 में से एक बच्चा नहीं मना पाता अपना पहला जन्मदिन, एक साल के अंदर हो जाती है मौत
पिछले 5 दशकों में अखिल भारतीय स्तर पर जन्म दर में काफी कमी आई है

पिछले कुछ दशकों में नवजात मृत्यु दर में कमी आने के बावजूद भारत में अभी भी हर 36 में से एक बच्चा अपना पहला जन्मदिन नहीं मना पाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रत्येक 36 में से एक शिशु की उसके जन्म के एक साल के अंदर ही मौत हो जाती है। नवजात मृत्यु दर (Infant Mortality Rate- IMR) को किसी देश या क्षेत्र के संपूर्ण स्वास्थ्य परिदृश्य के एक अहम संकेत के तौर पर व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है।

IMR को किसी क्षेत्र में एक निर्धारित अवधि में प्रति एक हजार जन्म पर नवजात मृत्यु (एक साल से कम आयु में) के रूप में परिभाषित किया जाता है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, आईएमआर का मौजूदा स्तर (वर्ष 2020 के लिए, प्रति 1000 हजार जीवित शिशु पर 28 नवजात की मौत) 1971 (प्रति एक हजार जीवित शिशु पर 129 नवजात मौत) की तुलना में एक-चौथाई कम है।

IMR में करीब 36% की कमी

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पिछले 10 वर्षों में IMR में करीब 36 फीसदी की कमी देखी गई है। अखिल भारतीय स्तर पर IMR का स्तर पिछले दशक में 44 से गिरकर 28 हो गया। आंकड़ों के मुताबिक, ‘ग्रामीण इलाकों में यह 48 से घटकर 31 हो गया और शहरी इलाकों में यह 29 से घटकर 19 हो गया। इस तरह क्रमश: करीब 35 फीसदी और 34 फीसदी दशकीय गिरावट प्रदर्शित होती है।’

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