Layoff News: इस साल 2023 का दसवां महीना चल रहा है लेकिन छंटनी की आंच अब तक फीकी नहीं हो रही है। अब इसकी तलवार क्लाउड सर्विस मुहैया कराने वाली जुनिपर नेटवर्क्स (Juniper Networks) के एंप्लॉयीज पर पड़ी है। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को बे में स्थित यह कंपनी दुनिया भर में करीब 440 एंप्लॉयीज को बाहर करेगी। हालांकि अभी कंपनी ने यह खुलासा नहीं किया है कि इस छंटनी का झटका किस कारोबारी हिस्से के एंप्लॉयीज पर पड़ेगा। इस पर करीब 5.9 करोड़ डॉलर का खर्च होंगे। इसमें सेवेरेंस और टर्मिनेशन पर करीब 4 करोड़ डॉलर का खर्च आएगा और 1.9 करोड़ डॉलर अतिरिक्त रीस्ट्रक्चरिंग और इससे जुड़े खर्चों में लगेगा। कंपनी ने यह जानकारी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) में हालिया फाइलिंग में दी है।
स्थानीय कानूनों और कंसल्टेशन प्रक्रियाओं के हिसाब से कंपनी ने जितने एंप्लॉयीज की छंटनी का ऐलान किया है, उसमें से अधिकर अगले वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही यानी जनवरी-मार्च 2024 में पूरा होने की उम्मीद है। कंपनी का कहना है इस साल की शुरुआत में उसने जिस रीऑर्गेनाइजेशन स्ट्रैटेजी की बात कही थी, छंटनी उसी का एक हिस्सा है। रीस्ट्रक्चरिंग प्लान को लेकर कंपनी का कहना है कि इसे उसके कारोबारी लक्ष्यों के रिव्यू के आधार पर तय किया गया है और इसकी वजह लॉन्ग टर्म ग्रोथ के मौकों में निवेश और रिसोर्सेज को इसी दिशा में फोकस करना है।
Juniper Networks की वित्तीय सेहत कैसी है
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एआई की पहले इस्तेमाल करने वाली कंपनियों में शुमार जुनिपर नेटवर्क्स का दूसरी तिमाही अप्रैल-जून 2023 में रेवेन्यू सालाना आधार पर 13 फीसदी और तिमाही आधार पर 4 फीसदी बढ़कर 143 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि क्लाउड बिजनेस सालाना आधार पर 6 फीसदी गिर गया तो सर्विस प्रोवाइडर बिजनेस में 1 फीसदी की मामूली ग्रोथ रही। दूसरी तिमाही के अर्निंग्स कॉल में कंपनी के सीईओ रामी रहीम ने कहा था कि अगली कुछ तिमाहियों में कंपनी के रेवेन्यू पर दबाव दिख सकता है।
अभी और कंपनियां हैं कतार में
ऐसा नहीं है कि छंटनी की आंच धीरे-धीरे कम हो जाएगी। जुनिपर नेटवर्क्स ने तो 400 से अधिक एंप्लॉयीज को बाहर निकालने का फैसला कर लिया है। अब इस कड़ी में कुछ और टेलीकॉम कंपनियां आने वाली हैं। वोडाफोन, बीटी, क्राउन कैस्ले और स्वीडन की एरिक्सन भी अगले साल अपने वर्कफोर्स में कटौती का ऐलान कर चुकी हैं।