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Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में विदेशी श्रद्धालुओं ने भी लगाई आस्था की डुबकी, जानें किस तीर्थयात्री ने क्या कहा

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ-2025 की शुरुआत सोमवार (13 जनवरी) को पौष पूर्णिमा के साथ हुई। महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर करोड़ों की संख्या में लोग पुण्य स्नान के लिए संगम तट की ओर उमड़ पड़े। इस दौरान पुलिस विनम्र व्यवहार के साथ सुरक्षा बनाए रखने में पूरी तरह मुस्तैद नजर आई। मेला अधिकारी के मुताबिक, सोमवार को करीब एक करोड़ लोगों ने संगम और गंगा में आस्था की डुबकी लगाई

Akhileshअपडेटेड Jan 13, 2025 पर 5:16 PM
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में विदेशी श्रद्धालुओं ने भी लगाई आस्था की डुबकी, जानें किस तीर्थयात्री ने क्या कहा
Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ के मौके पर भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है

Maha Kumbh Mela 2025: पौष पूर्णिमा स्नान के साथ धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में महाकुंभ मेला सोमवार (13 जनवरी) से शुरू हो गया। महाकुंभ ने प्रयागराज के संगम को आस्था, संस्कृति और मानवता के जीवंत केंद्र में बदल दिया है। पवित्र जल में डुबकी लगाने वाले लाखों तीर्थयात्रियों में विदेश से आए श्रद्धालु भी शामिल थे, जिन्होंने इस दिव्य आयोजन के चमत्कार का अनुभव किया। विदेशी पर्यटकों ने खुद को भाग्यशाली बताया। उन्होंने कहा कि हमें यहां आकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है। हमने कभी नहीं सोचा था कि हमें कभी जीवन में इस तरह का अनुभव मिलेगा।

अमेरिकी सेना का हिस्सा रह चुके माइकल अब 'बाबा मोक्षपुरी' के नाम से जाने जाते हैं। उन्होंने जूना अखाड़े से जुड़ने की अपनी यात्रा साझा की। उन्होंने पीटीआई से कहा, "मैं एक साधारण व्यक्ति था, जिसका अपना परिवार और करियर था। लेकिन मुझे एहसास हुआ कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है और मैं मोक्ष की तलाश में निकल पड़ा। मैंने अपना जीवन सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित कर दिया।"

माइकल ने कहा, "प्रयागराज में यह मेरा पहला महाकुंभ है। यहां का आध्यात्मिक अहसास असाधारण और बेजोड़ है।" महाकुंभ ने विदेशियों के एक विविध समूह को भी आकर्षित किया है। इसमें इस धार्मिक आयोजन को फिल्माने वाले दक्षिण कोरियाई यूट्यूबर से लेकर परंपराओं की गहरी समझ हासिल करने की ललक रखने वाले जापानी पर्यटक तक शामिल हैं।

स्पेन की क्रिस्टीना ने इस आयोजन की भव्यता पर विस्मय व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "यह एक अद्भुत पल है। मैं पहली बार इतने भव्य और अलौकिक आयोजन की गवाह बन रही हूं।" एक अन्य विदेशी श्रद्धालु ने संगम में डुबकी लगाकर एक अजब-सा आध्यात्मिक सुकून मिलने की बात कही।

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