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मध्य प्रदेश के इन 19 शहरों में बंद होंगी शराब की सभी दुकानें, 1 अप्रैल से आबकारी नीति में बड़ा बदलाव

MP New Excise Policy: सरकारी बयान में कहा गया है कि एक अप्रैल से धार्मिक महत्व वाले 17 शहरों सहित 19 स्थानों पर शराब की बिक्री को प्रतिबंध किए जाने से शराब की कुल 47 दुकानें बंद हो जाएंगी। उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक और सलकनपुर समेत कुछ अन्य धार्मिक महत्व वाले शहरों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा

अपडेटेड Feb 17, 2025 पर 12:25 PM
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MP New Excise Policy: एक अप्रैल से एमपी में पहली बार 'लो अल्कोहलिक बेवरेज बार' खोले जाएंगे

MP New Excise Policy: मध्य प्रदेश में एक अप्रैल से आबकारी नीति में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इसके तहत मध्य प्रदेश में अगले वित्त वर्ष यानी एक अप्रैल से पहली बार 'लो अल्कोहलिक बेवरेज बार' खोले जाएंगे। जबकि नई आबकारी नीति के तहत राज्य में धार्मिक महत्व वाले 17 शहरों सहित 19 स्थानों पर शराब की बिक्री प्रतिबंधित हो जाएगी। रविवार (16 फरवरी) को जारी नई आबकारी नीति के अनुसार, इन नए बार में केवल बीयर, वाइन और रेडी-टू-ड्रिंक उन पदार्थों के ही सेवन की अनुमति होगी जिसमें अल्कोहल की मात्रा 10 प्रतिशत V/V(वॉल्यूम ऑन वॉल्यूम) से कम हो।

सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऐसे बार में शराब का सेवन सख्त वर्जित रहेगा। वर्तमान में पूरे मध्य प्रदेश में 460 से 470 बार हैं। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि इन नए बार के खुलने से इसकी कुल संख्या में तेजी से इजाफा होगा।

सरकारी बयान में कहा गया है कि एक अप्रैल से धार्मिक महत्व वाले 17 शहरों सहित 19 स्थानों पर शराब की बिक्री को प्रतिबंध किए जाने से शराब की कुल 47 दुकानें बंद हो जाएंगी। उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक और सलकनपुर समेत कुछ अन्य धार्मिक महत्व वाले शहरों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा।


मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 23 जनवरी को नई आबकारी नीति को मंजूरी मिलने के बाद शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। इस पहल से राज्य सरकार को आबकारी राजस्व में करीब 450 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश में शराबबंदी कानून लागू नहीं है। इसलिए शराब बिक्री प्रतिबंधित क्षेत्रों में दूसरे इलाकों से शराब लाकर अकेले पीने पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।

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जहां दुकानें बंद होंगी, वहां शराब ले जाने और पीने पर प्रतिबंध लगाने के लिए बिहार मद्य निषेध अधिनियम 2016 जैसा कानून बनाने की आवश्यकता है। अधिकारियों ने बताया कि बिहार के अलावा गुजरात में भी शराबबंदी कानून लागू है, जबकि मध्य प्रदेश में सिर्फ आबकारी अधिनियम लागू है। सरकारी बयान में कहा गया है कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए नयी आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों के नवीनीकरण शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Feb 17, 2025 12:14 PM

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