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Nagpur Violence updates: नागपुर हिंसा केस में 50 गिरफ्तार, 5 FIR दर्ज, 34 पुलिसकर्मी घायल, जानें अब तक क्या-क्या हुआ

Nagpur Violence updates: औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान धर्मग्रंथ जलाए जाने की अफवाह फैलने के बाद नागपुर में हुई हिंसा में कई घरों, गाड़ियों और एक क्लिनिक में तोड़फोड़ की गई। पुलिस ने कहा कि हिंसा के मद्देनजर शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Mar 18, 2025 पर 2:39 PM
Nagpur Violence updates: नागपुर हिंसा केस में 50 गिरफ्तार, 5 FIR दर्ज, 34 पुलिसकर्मी घायल, जानें अब तक क्या-क्या हुआ
Nagpur Violence updates: नागपुर हिंसा के दौरान 34 पुलिसकर्मी तथा 5 अन्य लोग घायल हुए हैं

Nagpur Violence News updates: महाराष्ट्र के नागपुर शहर में सोमवार (17 मार्च) रात को हुई हिंसा के सिलसिले में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं, मामले में पांच FIR दर्ज की गई हैं। नागपुर के पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने मंगलवार (18 मार्च) को यह जानकारी दी। वहीं, नागपुर के संरक्षक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मंगलवार को कहा कि शहर में हुई हिंसा के दौरान 34 पुलिसकर्मी तथा पांच अन्य लोग घायल हुए हैं। उन्होंने नागपुर एयरपोर्ट पर कहा कि घायलों में से दो को ICU में भर्ती कराया गया है।

बावनकुले सोमवार को हुई घटना के बाद स्थिति की समीक्षा के लिए यहां पहुंचे हैं। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे मध्य नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में तब हिंसा भड़क उठी जब अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र (छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित) को हटाने की मांग को लेकर एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान एक समुदाय का धर्मग्रंथ जलाया गया है। इस दौरान पुलिस पर पथराव किया गया जिससे छह आम नागरिक और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए।

पुलिस कमिश्नर सिंघल ने पत्रकारों से कहा, "पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है और विभिन्न थानों में पांच FIR दर्ज की गई हैं।" नागपुर के संरक्षक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि माहौल को खराब करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने विपक्ष से मामले में राजनीति न करने की अपील की।

बावनकुले ने सभी समुदायों के सदस्यों से सौहार्द बनाए रखने की भी अपील की। साथ ही उन्होंने पुलिस कमिश्नर तथा जिलाधिकारी के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा, "माहौल को खराब करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया और गृह विभाग की ओर से कोई चूक नहीं हुई, क्योंकि पुलिस हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच (हिंसा के दौरान) ढाल बनकर खड़ी रही, जिसमें कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए।"

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