National Farmers’ Day 2024: इतिहास के पन्नों में 23 दिसंबर के नाम कई बड़ी घटनाएं दर्ज हैं। भारत में इस दिन को 'राष्ट्रीय किसान दिवस' या 'किसान दिवस' के रूप में मनाया जाता है। दरअसल, इसी दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था। उनके जन्मदिन को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्हें किसानों के जीवन और स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए कई नीतियों की शुरुआत की थी। भारत सरकार ने साल 2001 में चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हर साल 23 दिसंबर को 'किसान दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया। चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के हापुड़ में हुआ था। वह जुलाई 1979 से जनवरी 1980 तक देश के प्रधानमंत्री थे।
जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सिंह एक समाजवादी नेता थे, जिन्हें किसानों का जबरदस्त समर्थन प्राप्त था। वह अपने समय के दिग्गज नेताओं में से एक थे। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने इसी साल उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से नवाजा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री 'भारत रत्न' चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) की 122वीं जयंती पर उन्हें सोमवार (23 दिसंबर) को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण और सेवाभाव हर किसी को प्रेरित करता रहेगा।
क्यों मनाया जाता है 'राष्ट्रीय किसान दिवस'?
हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस इसीलिए मनाता है, ताकि देश की रीढ़ यानी किसानों का सम्मान किया जा सके। एक कृषि अर्थव्यवस्था के रूप में भारत अपने किसानों पर बहुत अधिक निर्भर करता है, जो उन्हें देश के विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण बनाता है। राष्ट्रीय किसान दिवस किसानों के मुद्दों को संबोधित करने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के महत्व की याद दिलाता है। किसान दिवस अन्नदाताओं को समर्पित होता है। भारत एक कृषि अर्थव्यवस्था के रूप में अपने किसानों पर काफी हद तक निर्भर करता है, जो उन्हें देश के विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण बनाता है।
'किसान दिवस' मनाने का फैसला भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जीवन और उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए की गई थी, जिन्होंने 1979 से 1980 तक देश की सेवा की। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भूमि सुधार और कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने की पहल सहित किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से नीतियों को प्राथमिकता दी। कृषक समुदाय के कल्याण के प्रति उनके समर्पण के कारण उनके जन्मदिन 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में घोषित किया गया।
'किसान दिवस' भारत की अर्थव्यवस्था, ग्रामीण विकास और खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालता है। यह दिन उचित मूल्य निर्धारण, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन, टिकाऊ कृषि पद्धतियों और आधुनिक तकनीकों तक पहुंच जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करता है। यह किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकारी योजनाओं और सुधारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है।
'राष्ट्रीय किसान दिवस' भारत की अर्थव्यवस्था में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है। देश मुख्य रूप से कृषि प्रधान है। भारत खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए अपने किसानों पर बहुत अधिक निर्भर करता है। भारत की अधिकांश ग्रामीण आबादी खेती या कृषि-संबंधी कार्यों पर निर्भर है। किसान भारत की रीढ़ हैं, जो यह सुनिश्चित करने के लिए अथक परिश्रम करते हैं कि राष्ट्र पोषित रहे। किसान दिवस राष्ट्र के लिए किसानों के अमूल्य योगदान को बेहतर ढंग से समझने और सराहने का दिन है।
'किसान दिवस' के दिन देश भर में कृषि में वैज्ञानिक और तकनीकी इनोवेशन से लोगों को परिचित कराने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ये कार्यक्रम किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने और उनकी जरूरतों और आकांक्षाओं का पता लगाने के लिए एक मंच भी प्रदान करते हैं।