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चाय नहीं कीटनाशक पी रहे हैं आप! गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी के बाद कर्नाटक में अब चाय में हो रही मिलावट

अब तक, उन्होंने उत्तरी कर्नाटक के अलग-अलग जिलों से लिए गए 48 सैंपल इकट्ठा किए हैं, जहां चाय की खपत बहुत ज्यादा है। बागलकोट, बीदर, गडग, ​​धारवाड़, हुबली, विजयनगर, कोप्पल और बल्लारी जैसे जिलों में, फूड इंस्पेक्टर ने पाया है कि बड़ी मात्रा में कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे सेहत को काफी नुकसान हो सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 10, 2024 पर 3:38 PM
चाय नहीं कीटनाशक पी रहे हैं आप! गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी के बाद कर्नाटक में अब चाय में हो रही मिलावट
चाय नहीं कीटनाशक पी रहे हैं आप! गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी के बाद कर्नाटक में अब चाय में हो रही मिलावट

क्या आपको भी सड़क किनारे ढाबों या टपरी पर चाय पीने का शौक है? मानसून के दौरान तो इसमें और भी ज्यादा मजा आता है, लेकिन अगर आप ऐसे ही सड़क पर कहीं भी चाय पीते हैं, तो आप इस खबर को जरूर पढ़ें...क्योंकि ये आपकी सेहत का मामला है। इस तरह ढाबे या टपरी वाली चाय, अब फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की जांच के दायरे में है। फूड सेफ्टी अधिकारियों ने पाया कि प्रोसेसिंग के दौरान चाय की धूल और पत्तियों में बड़ी मात्रा में कीटनाशक और रंगों के इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे पहले गोभी मंचूरियन, पानी पुरी, कॉटन कैंडी और कबाब जैसी खाने की चीजों में फूड कलरिंग एजेंट पर रोक लगाने की बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया था।

CNN-News18 के मुताबिक, ये पता चला है कि कई होटल रोडामाइन-बी और कार्मोइसिन जैसे फूड कलरिंग एजेंट का इस्तेमाल करते हैं, जिन्हें जहरीला माना जाता है। FSSAI के सूत्रों का कहना है कि चाय के मामले में, ये कीटनाशक और फर्टिलाइजर है। इन एडिटिव्स से कैंसर हो सकता है।

कहां-कहां से लिए गए सैंपल?

अब तक, उन्होंने उत्तरी कर्नाटक के अलग-अलग जिलों से लिए गए 48 सैंपल इकट्ठा किए हैं, जहां चाय की खपत बहुत ज्यादा है। बागलकोट, बीदर, गडग, ​​धारवाड़, हुबली, विजयनगर, कोप्पल और बल्लारी जैसे जिलों में, फूड इंस्पेक्टर ने पाया है कि बड़ी मात्रा में कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे सेहत को काफी नुकसान हो सकता है।

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