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राजस्थान में SDM को थप्पड़ मारने वाला पुलिस हिरासत से फरार, रात भर चला तांडव

Naresh Meena Slapped SDM: राजस्थान के देवली उनियारा में उपचुनाव के दौरान बड़ा हंगामा हुआ। निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने एक एसडीएम को थप्पड़ मार दिया। पुलिस मीणा को हिरासत में लिया, लेकिन वो पुलिस हिरासत से फरार हो गया। मीणा के समर्थकों ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े। भीड़ ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 14, 2024 पर 9:50 AM
राजस्थान में SDM को थप्पड़ मारने वाला पुलिस हिरासत से फरार, रात भर चला तांडव
Naresh Meena Slapped SDM: नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद जमकर बवाल हुआ था। उसके समर्थकों ने पुलिस की दो गाड़ियों को फूंक दिया।

राजस्थान में बुधवार को सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। इस दौरान प्रदेश की देवली उनियारा विधानसभा सीट काफी सुर्खियों में रही। यहां निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एक एसडीएम को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद बवाल शुरू हो गया। नरेश मीणा थप्पड़ मारने के बाद अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। पुलिस ने मीणा को हिरासत में लिया। लेकिन इसके बाद नरेश मीणा पुलिस हिरास से फरार हो गया। नरेश के समर्थकों ने जमकर बवाल मचाया, पथराव किया और पुलिस की दो गाड़ियों को भी फूंक दिया। इधर नरेश मीणा करणी सेना से समर्थन मिल रहा है। अब इस मामले में सियासत तेज हो गई है।

करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने कड़ी चेतावनी दी है। मकराना ने कहा कि अगर नरेश मीणा के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई होती है तो इसका विरेध करेंगे। उनके समर्थन में सड़कों पर उतर आएंगे। नरेश मीणा कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे थे।

SDM वोटिंग की कर रहे थे अपील

दरअसल, समरावता गांव के मतदाताओं ने अपनी एक मांग के समर्थन में मतदान का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी थी। लेकिन मतदान केंद्र और बूथ तक पहुंचने वाला रास्ता खुला था। इस बीच एसडीएम अमित चौधरी लोगों को वोट डालने के लिए मनाने गए थे। चौधरी वहां मतदाताओं से वोटिंग की अपील कर रहे थे। तभी निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने उन्हें थप्पड़ मार दिया। समरावता गांव मौजूदा समय में नगर फोर्ट तहसील में आता है। ग्रामीण गांव को उनियारा तहसील के अंतर्गत लाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह हमारे गांव के पास है। अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीणों ने पहले भी यह मांग की थी। जिस पर अधिकारियों ने कहा कि अभी आचार संहिता लगी है। इसके बाद स पर विचार विमर्श किया जाएगा।

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