Ram Mandir: अयोध्या में रामनवमी को खास बनाने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं। इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए सूर्य तिलक का सहारा लिया जा रहा है। इसे लेकर राम मंदिर ट्रस्ट भी तैयारियों में जुटा हुआ है। 17 अप्रैल को रामनवमी का पर्व है। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार राम मंदिर मे रामनवमी मनाई जाएगी। ऐसे में राम नवमी बेहद खास होने वाली है। यहां पर दोपहर ठीक 12:00 बजे सूर्य की किरणों से प्रभु राम का अभिषेक होगा। यानी कि सूर्य तिलक किया जाएगा। इस सूर्य तिलक की अवधि करीब 4 मिनट तक रहेगी।
कल यानी 9 अप्रैल से चैत्र की नवरात्रि शुरू हो रही है। रामनवमी को रामलला का सूर्य तिलक करने की तैयारी में वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। राममंदिर में उपकरण लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि जल्द ही इसका ट्रायल भी किया जाएगा।
सूर्य तिलक के लिए बनाई गई यह योजना
मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थापित किए जाने वाले ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम में हाई क्वालिटी मिरर, एक लेंस और खास कोणों पर लगे लेंस के साथ वर्टिकल पाइपिंग लगाए गए हैं। मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर दो मिरर और एक लेंस फिट किए जा चुके हैं। तीसरे फ्लोर पर जरूरी उपकरण लगाए जा रहे हैं। सूर्य की रोशनी तीसरे फ्लोर पर लगे पहले दर्पण पर गिरेगी और तीन लेंस और दो अन्य मिरर से होते हुए सीधे ग्राउंड फ्लोर पर लगे आखिरी मिरर पर पड़ेगी। इससे रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य किरणों का एक तिलक लग जाएगा। यह दो से तीन मिनट तक रामलला के माथे पर रहेगा।
हर साल रामनवमी में होगा सूर्य तिलक
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रभारी प्रकाश गुप्ता का कहना है कि जब मंदिर का निर्माण शुरू किया गया था। तभी उसी समय यह फैसला लिया गया था कि रामलला के विराजमान होने के बाद आने वाले पहले रामनवमी के दिन प्रभु राम के मस्तिष्क पर सूर्य तिलक किया जाएगा। यह सूर्य तिलक रामनवमी के दिन दोपहर 12:00 किया जाएगा। यह खास तिलक हर साल सिर्फ रामनवमी के मौके पर ही दिखाई देगा।