एक साथ दो जगहों पर काम करने यानी मूनलाइटिंग (Moonlighting) को लेकर दिग्गज भारतीय आईटी विप्रो (Wipro) कंपनी सख्त हुई है। इसके चलते विप्रो ने सैकड़ों लोगों को कंपनी से बाहर निकाल दिया है लेकिन अब कंपनी के चेयरमैन ने एक बड़ा खुलासा किया है। विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी (Rishad Premji) के मुताबिक कंपनी के 20 टॉप लीडर्स में एक को महज 10 मिनट के भीतर कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
प्रेमजी के मुताबिक इस सीनियर एंप्लॉयी को कंपनी के नियमों के गंभीर उल्लंघन के चलते 10 मिनट में ही फायर कर दिया गया। उन्होंने इसका खुलासा 19 अक्टूबर को बंगलूरु के नास्कॉम प्रोडक्ट एंक्लेव (Nasscom Product Conclave) में कही। हालांकि उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि यह कार्रवाई मूनलाइटिंग में हुआ है या किसी और मामले में।
इस महीने दूसरी बार प्रेमजी ने अपनाया सख्त रूख
रिशद प्रेमजी इस महीने दूसरी बार आईटी कंपनी की इंटिग्रिटी को लेकर सख्त दिखे। सितंबर में उन्होंने ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में मूनलाइटिंग को पूरी तरह आईटी कंपनी की इंटीग्रिटी के उल्लंघन के रूप में वर्णन किया। 19 अक्टूबर को उन्होंने जोर देकर कहा कि इंटीग्रिटी को लेकर किसी भी प्रकार के उल्लंघन या किसी भी प्रकार के हैरेसमेंट को लेकर कंपनी की जीरो-वन पॉलिसी है यानी कि ऐसा करने पर कंपनी में जगह नहीं मिलेगी।
प्रेमजी ने स्टार्टअप्स को भी जरूरी सलाह दी है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स को वैल्यूएशन की बजाय वैल्यूएबल बिजनेस पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल यूनीकॉर्न का लेबल और वैल्यूएशन फैशन की तरह हो गया है जबकि टिकाऊ कारोबार तैयार करना लंबा सफर है और इसमें समय लगता है और यह जटिल प्रक्रिया है। प्रेमजी ने कहा कि अगर आप जल्द से जल्द पैसे बनाना चाहते हैं तो जिस प्रकार की कंपनी आप तैयार करेंगे, यह उससे बहुत अलग होगी जिसे आप लंबे समय तक कायम रखना चाहते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि फाउंडर्स को अपनी कंपनी के लिए सही लोगों को चुनना चाहिए। किसी भी कंपनी के सबसे खतरनाक लोग वे होते हैं जो बहुत सफल होते हैं लेकिन उनकी सफलता में एक हजार लोगों की मौत भी होती है। प्रेमजी के मुताबिक यह टिकाऊ नहीं है और बड़ी कंपनियों में यह अधिक दूर तक नहीं ले जा सकता है।