देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) के एंप्लॉयीज को तगड़ा झटका लगा है। इंफोसिस ने सीनियर मैनेजमेंट लेवल से नीचे के एंप्लॉयीज की सैलरी हाइक को टाल दिया है। आमतौर पर यह अप्रैल से हो जाता है लेकिन इस बार आईटी सेक्टर दबावों से जूझ रहा है तो इसमें देरी के आसार जताए जा रहे थे लेकिन अब इसे टाल ही दिया गया है। आईटी सेक्टर में दबाव का यह एक और संकेत है। आईटी कंपनियां प्रोजेक्ट रद्द होने और इसमें गिरावट जैसी चुनौतियों से जुझ रही हैं।
मनीकंट्रोल से कई एंप्लॉयीज ने इस बात की पुष्टि की है कि उनकी सैलरी नहीं बढ़ी है। उनका यह भी कहना है कि इसे लेकर उन्हें कंपनी ने कोई जानकारी भी नहीं दी है। सीनियर मैनेजमेंट की सैलरी इस महीने बढ़नी है लेकिन अभी तक उन्हें भी इससे जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली है। यहां यह भी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि उनकी सैलरी हाइक रोक दी गई है या नहीं। इसे लेकर कंपनी ने पूछे गए सवालों का अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
इंफोसिस ने अपने एंप्लॉयीज की सैलरी इस बार नहीं बढ़ाई है। हालांकि ऐसा नहीं है कि इसने पहली बार ऐसा किया है। इससे पहले कंपनी ने करीब तीन साल में कोरोना महामारी के समय कैश बचाने के लिए सैलरी हाइक नहीं करने का फैसला किया था। सैलरी हाइक पर रोक को अगले साल जनवरी 2021 में वापस लिया गया।
कंपनी 20 जुलाई को चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही अप्रैल-जून 2023 के नतीजे जारी करेगी। इस पूरे वित्त वर्ष के लिए कंपनी 4-7 फीसदी की रेवेन्यू ग्रोथ का अनुमान लगाया है। वित्त वर्ष 2018 के बाद से यह पहली बार है, जब कंपनी ने इस रेंज में रेवेन्यू ग्रोथ का अनुमान लगाया है। मार्च 2023 तिमाही में कंपनी ने वैरिएबल पेआउट को घटाकर औसतन 60 फीसदी कर दिया था। इससे पहले जून 2022 तिमाही में इसे घटाकर 70 फीसदी और फिर सितंबर 2022 तिमाही में घटाकर औसतन 65 फीसदी कर दिया गया था। हालांकि फाइनल वैरिएबल पेआउट उनके यूनिट या डिपार्टमेंट के गाइडलाइन्स पर निर्भर थी और पेड ग्रेड और डिपार्टमेंट के हिसाब से अलग-अलग थी।