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Scrap Policy: जब्त वाहनों को 21 दिन में छुड़ाने का मौका, नहीं हो जाएगा स्क्रैप, जानिए क्या हैं नए नियम

Scrap Policy: दिल्ली सरकार ने स्क्रैपिंग नीति को लेकर नई गाइडलाइंस जारी कर दी है। इसके तहत जब्त किए गए वाहनों को अब 21 दिन के भीतर छुड़ाना बेहद जरूरी है। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो वाहन को स्क्रैप किया जा सकता है। जानिए क्या हैं नए नियम की शर्तें

Jitendra Singhअपडेटेड Mar 10, 2024 पर 4:39 PM
Scrap Policy: जब्त वाहनों को 21 दिन में छुड़ाने का मौका, नहीं हो जाएगा स्क्रैप, जानिए क्या हैं नए नियम
Scrap Policy: जब्त वाहनों के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया गया है। जहां समय सीमा तय कर दी गई है।

Scrap Policy: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पुराने वाहन मालिकों को एक नई आफत आ गई है। अगर आपका पुराना वाहन जब्त कर लिया गया है तो इस छुड़ाने के लिए समस-सीमा तय कर दी गई है। इसके लिए सरकार ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बना दिया है। ऐसे में समय सीमा के भीतर अगर आप अपना जब्त वाहन नहीं छुड़ाते हैं तो इसे स्क्रैप किया जा सकता है। कहने का मतलब ये हुआ कि आप हमेशा के लिए अपने वाहन से हाथ धो बैठेंगे। दिल्ली सरकार की नई गाइडलाइंस के मुताबिक, पुराने वाहनों को छुड़ाने के लिए 21 दिन का समय तय किया गया है।

21 दिन यानी 3 हफ्ता गुजरने के बाद गाड़ी को स्क्रैप के लिए भेज दिया जाएगा। जैसे आप अपने वाहनों को डॉक्यूमेंट्स जमा करेंगे। इसके बाद एक हफ्ते के भीतर एनफोर्सेमेंट एजेंसी अपना फैसला सुनाएगी। दिल्ली में 10 साल पूरे कर चुके डीजल वाहनों और 15 साल पूरे कर चुके पेट्रोल वाहनों की उम्र पूरी मानी जाती है।

जब्त वाहनों के लिए बनाया गया ऑनलाइन पोर्टल

अगर आपका वाहन जब्त कर लिया गया है तो इसे ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं। इसके लिए दिल्ली सरकार की ओर से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया गया है। इससे वाहन के मालिक, एनफोर्सेमेंट एजेंसी और जब्त किए गए वाहन से जुड़ी सभी डिटेल्स इस प्लेटफॉर्म पर देख सकते हैं। इससे उन्हें पूरी मदद मिलेगी। दरअसल, पिछले साल दिल्ली में पुराने वाहनों पर हो रही गड़बड़ियों को लेकर कई मामले कोर्ट पहुंच गए। इसमें कई तरह की खामियां पाई गईं। ऐसे में को4ट ने ई गाइडलाइंस बनाने के आदेश दिए थे। इसके मुताबिक, सिर्फ सार्वजनिक स्थानों पर वाहनों पर कार्रवाई होगी। वाहन जब्त करने के साथ ही वाहन मालिक को भी जनाकरी मुहैया कराना होगा। उस जब्त वाहन की एक रिपोर्ट रोजाना पर्यवरण विभाग को सौंपी जाएगी। वहीं लाइसेंस प्राप्त स्क्रैपर के पास ही वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए भेजा जाएगा।

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