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Shark Tank India: मिलिए नई जज राधिका गुप्ता से, पाकिस्तान में हुआ जन्म, 22 साल की उम्र में आत्महत्या की कोशिश

Shark Tank India: राधिका गुप्ता Shark Tank India Season 3 में बतौर जज के रूप में नजर आएंगी। राधिका इंडिया की सबसे यंग CEO में शामिल हैं। उन्हें गर्दन टेढ़ी होने की वजह से कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और खुद को एक सफल बिजनेसवुमन के रूप में साबित किया

Edited By: Jitendra Singhअपडेटेड Jan 07, 2024 पर 10:25 AM
Shark Tank India: मिलिए नई जज राधिका गुप्ता से, पाकिस्तान में हुआ जन्म, 22 साल की उम्र में आत्महत्या की कोशिश
Shark Tank India: राधिका गुप्ता Edelweiss MF की एमडी और सीईओ हैं. उन्होंने साल 2017 में इस पद को हासिल किया था।

Shark Tank India: भारतीयों के दिल में जगह बना चुका शार्क टैंक इंडिया फिर से 22 जनवरी 2023 से धमाल मचाने की तैयारी में है। शो के तीसरे सीजन की जोरों-शोरों से तैयारियां चल रही हैं। शो के तीसरे सीजन में कई नए जज पैनल में शामिल किया गया है। इस बार के सीजन में कुल 12 शार्क (जज) नजर आएंगे। रितेश अग्रवाल, दीपिंदर गोयल के बाद, एक और बिजनेसवुमन जो शार्क टैंक इंडिया 3 के जज पैनल में शामिल होंगी। इनका नाम राधिका गुप्ता है। 40 साल की राधिका गुप्ता Edelweiss MF की MD और CEO हैं। उन्होंने साल 2017 में इस पद को हासिल किया था।

राधिका का जन्म 1983 में पाकिस्तान में हुआ था। लेकिन जब वह पैदा हुईं तो परिवार में खुशियों के साथ-साथ चेहरे पर निराशा भी छा गई। इसकी वजह ये थी कि राधिका जन्म के समय स्वस्थ नहीं थीं। राधिका की जन्म के समय गले की हड्डी टूटी। जिसकी वजह उनकी गर्दन टेढ़ी रहती थी। इसकी वजह उन्हें दर्द के साथ-साथ कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।

राधिका ने की आत्महत्या की कोशिश

राधिका के पिता भारतीय विदेश सेवा (Indian Foreign Service) के अधिकारी थे। उनके पिता ने कई देशों में सेवाएं दी। ऐसे में राधिका पाकिस्तान, दिल्ली, नाइजीरिया न्यूयॉर्क समेत कई देशों में रहीं। उन्होंने पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय की छात्रा रही हैं। यहां से उन्होंने कंप्यूटर साइंस और अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की है। उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा। उन्होंने कई जगह नौकरी के लिए अप्लाई किया लेकिन नौकरी नहीं मिल पाती थी। ऐसे में एक बार उन्होंने आत्महत्या की भी कोशिश की। कड़े संघर्ष के बाद उन्हें मैकिन्से (McKinsey) नाम की कंपनी में नौकरी मिली।

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