देश के सबसे ऊंची इमारतों में शुमार किए जाने वाले नोएडा (Noida) सेक्टर 93A में स्थित सुपरटेक की एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में 40 मंजिला ट्विन टावर को गिराने का कार्य शुरू हो गया है और इसे 22 मई को पूरी तरह गिरा दिया जाएगा। इन इमारतों का निर्माण नियमों का उल्लंघन कर किया गया था, जिस कारण सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें अवैध करार दिया था। पिछले साल 31 अगस्त के अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने नोएडा में ट्विन टावरों को गिराने का आदेश दिया था।
महज 9 सेकंड में ध्वस्त हो जाएंगे दोनों टावर
इस टावर को गिराने के लिए एक विशेष तरीका अपनाया जाएगा, जहां विस्फोट के जरिए दोनों टावर महज 9 सेकंड में ध्वस्त हो जाएंगे। 22 मई को लगभग 100 मीटर ऊंचे टावर को गिराने के लिए चार टन विस्फोटकों का इस्तेमाल किया जाएगा। करीब 100 मीटर की दूरी से रिमोर्ट दबाकर टावर को ध्वस्त किया जाएगा।ध्वस्तीकरण के बाद करीब 10 मिनट तक आसपास के करीब 30 मीटर एरिया तक धूल उड़ेगी।
धूल उड़ने से रोकने के लिए बड़े स्तर पर पानी से छिड़काव किया जाएगा। ट्वीन टावर को गिराने वाली कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग द्वारा साझा की गई विध्वंस योजना के अनुसार, साइट के करीब नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा एक घंटे के लिए बंद रहेगा। इस दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों को क्षेत्र में तैनात किया जाएगा। 22 अगस्त तक पूरा मलबा हटा दिया जाएगा।
4 हजार किलोग्राम विस्फोटकों का किया जाएगा इस्तेमाल
कंपनी ने इससे पहले 2019 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 108 मीटर ऊंचे बैंक ऑफ लिस्बन को ध्वस्त कर दिया था। एडिफिस एजेंसी के हेड उत्कर्ष मेहता ने बताया कि इस को गिराने के लिए 2,500 किलोग्राम से चार हजार किलोग्राम के बीच विस्फोटक की जरुरत होगी। उन्होंने कहा कि मार्च के आखिरी या अप्रैल के पहले सप्ताह में सुरक्षा मानकों की जांच करने के लिए परीक्षण विस्फोट की योजना है।
उन्होंने आगे बताया कि सेक्टर 93ए में स्थित टावरों के करीब रहने वाले लगभग 1,500 परिवारों को 22 मई को दोपहर 2.30 बजे विस्फोट होने पर लगभग पांच घंटे के लिए अपने घरों से बाहर निकाल दिया जाएगा। मेहता ने कहा कि हालांकि ध्वस्तीकरण वाले दिन आसपास के फ्लैटों को कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन फिर भी 100 करोड़ का बीमा कराया जा रहा है। अभी टावरों में विस्फोटक लगाने का काम चल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के डायरेक्टरों को दी थी जेल भेजने की चेतावनी
इसी साल 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने 40 मंजिला टावरों को ध्वस्त करने के अपने आदेशों का पालन नहीं करने के लिए सुपरटेक की खिंचाई की थी और चेतावनी दी कि इसके डायरेक्टरों को "अदालत के साथ खिलवाड़" करने के लिए जेल भेजा जाएगा।
कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी और सुपरटेक को सभी समयसीमा का पालन करने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई 17 मई को निर्धारित की गई है। पिछले साल 31 अगस्त को शीर्ष अदालत ने नोएडा के अधिकारियों के साथ मिलीभगत में मानदंडों के उल्लंघन के लिए तीन महीने के भीतर निर्माणाधीन सुपरटेक लिमिटेड के 40 मंजिला दोनों टावरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था।