मशहूर समाजसेवी और लेखिका सुधा मूर्ति (Sudha Murty) को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 8 मार्च को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए नामित किया है। मूर्ति ट्रस्ट की अध्यक्ष सुधा मूर्ति को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (Women's Day) पर राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है।
पीएम मोदी ने X पर एक पोस्ट में कहा कि उच्च सदन में उनकी मनोनयन 'नारी शक्ति' का एक सशक्त प्रमाण है, जो राष्ट्र की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण भी है। उन्होंने आगे कहा, "मुझे खुशी है कि भारत की राष्ट्रपति ने सुधा मूर्ति जी को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में सुधा जी का योगदान असीम और प्रेरणादायक रहा है।"
कौन हैं सुधा मूर्ति? (Who is Sudha Murty)
इंफोसिस के सह-संस्थापक और दिग्गज कारोबारी एनआर नारायणमूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति फिलहाल 'मूर्ति ट्रस्ट' की अध्यक्ष हैं। उन्होंने कई किताबें लिखी हैं। मूर्ति 73 वर्ष की हैं। उन्हें पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है। मूर्ति को 2006 में भारत सरकार द्वारा सामाजिक कार्यों के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। इसके बाद 2023 में उन्हें भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया गया था।
मूर्ति के पति नारायण मूर्ति आईटी दिग्गज इंफोसिस के संस्थापक हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक सुधा मूर्ति के दामाद हैं। मूर्ति ने अपने पेशेवर करियर की शुरुआत कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग से की। वह गेट्स फाउंडेशन की सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल पहल की भी सदस्य हैं।
1950 में उत्तरी कर्नाटक के हावेरी जिले के शिगगांव में जन्मी सुधा मूर्ति ने अपना करियर TELCO (अब टाटा मोटर्स) में ऑटो मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में पहली महिला इंजीनियर के रूप में शुरू किया था। 10वीं कक्षा तक कन्नड़ माध्यम स्कूल में पढ़ाई करने के बाद सुधा मूर्ति को इस भाषा से प्यार हो गया। बाद में उन्होंने कर्नाटक में 60,000 से अधिक लाइब्रेरी स्थापित किए।
वह कई अनाथालयों की स्थापना कर चुकी हैं। साथ ही उन्होंने ग्रामीण विकास के प्रयासों में भी अहम योगदान दिया है। मूर्ति ने कर्नाटक के सभी सरकारी स्कूलों को कंप्यूटर और लाइब्रेरी सुविधाएं प्रदान करने के आंदोलन का समर्थन किया। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया की स्थापना की।
अंग्रेजी और कन्नड़ की लेखिका सुधा मूर्ति अब तक 30 किताबें लिख चुकी हैं। उनकी किताबों का सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है। देश भर में उनकी 26 लाख से अधिक कॉपी बिकी हैं। वह अंग्रेजी और कन्नड़ दैनिक समाचार पत्रों के लिए आर्टिकल भी लिखती हैं।